राष्ट्रनायक न्यूज

Rashtranayaknews.com is a Hindi news website. Which publishes news related to different categories of sections of society such as local news, politics, health, sports, crime, national, entertainment, technology. The news published in Rashtranayak News.com is the personal opinion of the content writer. The author has full responsibility for disputes related to the facts given in the published news or material. The editor, publisher, manager, board of directors and editors will not be responsible for this. Settlement of any dispute

बच्चे में दिखे डायरिया के लक्षण तो जल्द जाएं डॉक्टर के पास

बच्चे में दिखे डायरिया के लक्षण तो जल्द जाएं डॉक्टर के पास

  •  बदलते मौसम और बारिश के दौरान बच्चों में बढ़ जाता है डायरिया का खतरा
  •  बीमारी बढ़ने पर डॉक्टर से न दिखाना हो सकता है खतरनाक, जा सकती है बच्चे की जान
  •  कोवीड-19 के दौरान एहतियात बरतकर शिशु को डॉक्टर से दिखाएं, बच्चे को स्वस्थ और खुद को रखें चिंतामुक्त

पूर्णियां। सूबे में मानसून लगातार सक्रिय है। बारिश और मौसम में बदलाव से बच्चों में अक्सर बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। इस मौसम में बच्चों में डायरिया की समस्या आम हो जाती है। डायरिया की चपेट में आने से नवजात और बच्चों में डिहाइड्रेशन (शरीर में पानी की कमी) की समस्या बढ़ जाती है। समय पर इलाज नहीं होने से यह जानलेवा भी साबित हो सकता है। हालांकि इस वक्त पूरा देश कोरोना वायरस को लेकर परेशान है। वहीं परिजन बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर ज्यादा चिंतित हैं। बच्चे की सामान्य बीमारी को नजरअंदाज या घर के इलाज से काम चला रहे हैं। संक्रमण की चपेट में आने के डर से वे अस्पताल और डॉक्टर के पास जाने से बच रहे हैं। लेकिन कोरोना संक्रमण के मध्य डायरिया से बचाव भी बेहद जरूरत है। अगर यह ज्यादा बढ़ गया तो बच्चे की जान भी जा सकती है।

क्या है डायरिया :
डायरिया कई प्रकार से बच्चे के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। ‘एक्यूट ब्लडी डायरिया’ जिसे लोग शूल भी कहते हैं। इससे आंत में संक्रमण एवं कुपोषण का खतरा बढ़ जाता है। वहीं ‘एक्यूट वाटरी डायरिया’ में काफी पतला दस्त होता है। यह कुछ समय या कुछ दिनों तक रहता है। इससे डिहाइड्रेशन के साथ वजन में अचानक कमी आ सकती है। वहीं 14 दिन या उससे अधिक समय तक रहने वाली समस्या को ‘परसिस्टेंट डायरिया’ कहते हैं। इसके साथ ही जन्म से कमजोर और अति कुपोषित बच्चे डायरिया की जद में जल्दी आ जाते है। बेहतर इलाज के अभाव में संक्रमण के बढ़ने का खतरा बना रहता है। इससे डिहाइड्रेशन, ह्रदय संबंधित समस्या और कमजोरी बच्चों में बढ़ जाती है।

लक्षणों को न करें नजरअंदाज, रहें सावधान :
बारिश के मौसम में जल जनित संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। अगर आपके बच्चों में पेट से संबंधित समस्या लगातार आ रही है तो सावधान हो जाएं और डॉक्टर के पास जाने से परहेज न करें। परेशानी बढ़ने और ज्यादा विलंब होने पर डायरिया से बच्चे की मृत्यु भी हो सकती है।

डायरिया के लक्षण :
• बच्चे में लगातार पतले दस्त की समस्या.
• दस्त के साथ हल्के बुखार का रहना.
• दस्त के साथ उल्टी की भी समस्या.
• खाना नहीं खाना.
• प्यास ज्यादा लगना आदि.

कोरोना संक्रमण के कारण चिकित्सक से परामर्श के लिए न करें संकोच :
अक्सर डायरिया होने पर लोग बच्चे के लिए पारंपरिक व घरेलू उपचार की सलाह देते हैं। लेकिन समस्या बढ़ने पर डॉक्टर से दिखाना बेहद जरूरी होता है। हालांकि आज घर से बाहर कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा भी है। फिर भी ऐसे समय में चिकित्सक से परामर्श के लिए जरूर संपर्क करें. कुछ सावधानी बरतते हुए आप बच्चे को चिकित्सक से दिखा सकते हैं। कोरोना वायरस संक्रमित लोगों के छींकने या खांसने से फैलता है। इसलिए डॉक्टर के पास जाने के दौरान और अस्पताल में सामाजिक दूरी का पालन करें। अपने व बच्चे का मुंह मास्क या तौलिए से ढंककर रखें। हैंड सैनिटाइजर साथ रखें। इसेक साथ ही बेहतर होगा कि डॉक्टर से दिखाने से पहले फोन पर उनसे बात कर लें, इससे अनावश्यक परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। डॉक्टर जानते हैं कि बच्चे जल्द संक्रमण के प्रभाव में आ जाते हैं, इसलिए इस वक्त उनसे बेहतर बचाव और देखभाल की जानकारी कोई और नहीं दे सकता।

क्या कहती है यूनिसेफ की रिपोर्ट :
संयुक्त राष्ट्र बाल राहत कोष यानी यूनिसेफ द्वारा जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2018 में भारत में पांच साल से कम उम्र के बच्चों की सबसे अधिक 8,82,000 मौतें दर्ज हुईं हैं। भारत में डायरिया और न्यूमोनिया के साथ मौसम जनित बीमारी बच्चों की मौत के सबसे बड़े कारण हैं। बुखार, पेट दर्द व श्वांस की बीमारी बढ़ने और इलाज के अभाव में बच्चे दम तोड़ देते हैं। इसलिए अपने बच्चे के बेहतर स्वास्थ्य के लिए सतर्क रहें और इस समय में भी इस बीमारी को नजरअंदाज न करते हुए बच्चों का इलाज डॉक्टर से अवश्य करवाएं.

You may have missed