राष्ट्रनायक न्यूज

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सभी प्रखंडों में डोर टू डोर एसपी पाउडर का किया जाएगा छिड़काव

  • छिड़काव से पूर्व माइक्रोप्लान तैयार करें: जिलाधिकारी
  • कालाजार मरीज़ों को श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में सरकार द्वारा दी जाती हैं राशि: डॉ आरपी मंडल
  • छिड़काव के दौरान स्थानीय ग्रामीणों का सहयोग अपेक्षित: डीपीओ

राष्ट्रनायक न्यूज।

पूर्णिया (बिहार)। कालाजार को जड़ से मिटाने के उद्देश्य से द्वितीय चरण में ज़िले में सघन छिड़काव अभियान चलाया जाएगा। इसके तहत जिले के सभी प्रखंडों में डोर टू डोर एसपी पाउडर का छिड़काव किया जाएगा। जिलाधिकारी सुहर्ष भगत ने बताया कि कालाजार छिड़काव कार्यक्रम अभियान की सफलता के लिए जिला स्तर पर माइक्रोप्लान एवं एक्शन प्लान तैयार करने का निर्देश दिया गया है। ज़िले में कालाजार मरीजों की संख्या दिनों दिन कम होती जा रही है, जो ख़ुशी की बात है।

कालाजार मरीज़ों को श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में सरकार द्वारा दी जाती हैं राशि: डॉ आरपी मंडल

वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ आरपी मंडल ने बताया कि जिले के 135 पंचायतों के 282 गांवों में छिड़काव कार्य किया जाएगा। वर्ष 2019 में 157, 2020 में 88, 2021 में 79 एवं जून 2022 तक कालाजार के मात्र 24 मरीजों की पहचान की गई है। छिड़काव की सफ़लता के लिए सभी प्रखंडों में प्रशिक्षण कार्य संचालित किया जा रहा है। कालाजार मरीजों के जांच की सुविधा जिले के सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में नि:शुल्क उपलब्ध है। इसके समुचित उपचार की व्यवस्था सदर अस्पताल में है। मरीजों को सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने पर श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में सरकार द्वारा 7100 रुपये की राशि दी जाती है। वहीं पीकेडीएल मरीजों को पूर्ण उपचार के बाद सरकार द्वारा 4000 रुपये श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में दिए जाने का प्रावधान है। इसके साथ ही कालाजार मरीज़ों का सहयोग करने वाली आशा कार्यकर्ताओं को प्रति मरीज 500 रुपए की प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है।

छिड़काव के दौरान स्थानीय ग्रामीणों का सहयोग अपेक्षित: डीपीओ

केयर इंडिया के डीपीओ चंदन कुमार सिंह ने बताया कि कालाजार से बचाव के लिए छिड़काव के दौरान कोई भी घर छूट नहीं पाए, इसको लेकर विशेष रूप से ख़याल रखने की आवश्यकता है। ग्रामीण इलाकों में भ्रमणशील छिड़काव टीम को इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया है। छिड़काव अभियान के दौरान सामुदायिक स्तर पर ग्रामीणों एवं स्थानीय स्तर पर पंचायत जनप्रतिनिधियों को भी शामिल कर कालाजार के कारण, लक्षण, बचाव एवं इसके उपचार की विस्तृत जानकारी दी जाएगी। लगातार 15 दिनों से अधिक समय तक बुखार का होना, भूख की कमी, पेट का आकार बड़ा होना, शरीर का काला पड़ना आदि कालाजार के लक्षण हो सकते हैं। वैसे व्यक्ति जिन्हें बुखार नहीं हो लेकिन उनके त्वचा पर सफेद दाग व गांठ बनना पीकेडीएल का लक्षण हो सकता है।

कालाजार छिड़काव के दौरान मुख्य रूप से इन बातों का रखना होगा ख़्याल:

  • छिड़काव होने से पहले घर के अंदर की दीवार में लगे छेद या दरार को पूर्णतः बंद कर देना चाहिए।
  • घर के सभी कमरों, रसोई घर, पूजा घर के अंदर की दीवारों पर कम से कम छः फीट तक छिड़काव अवश्य कराएं।
  • छिड़काव के दो घंटे के बाद ही घर में प्रवेश करें।
  • छिड़काव के पूर्व भोजन सामग्री, बर्तन, कपड़े आदि को घर के बाहर रख दें।
  • कम से कम तीन महीने  तक दीवारों पर किसी तरह की  लिपाई-पोताई नहीं करना चाहिए।
  • अपने क्षेत्र में कीटनाशक छिड़काव की तिथि की जानकारी स्थानीय आशा दीदी से प्राप्त करें।