विश्वमोहन चौधरी संत। राष्ट्रनायक न्यूज।
पटना (बिहार)। 38वीं वर्ष बिहार केसरी सम्मान व भव्य रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का उद्घाटन पद्मश्री डॉ सीपी ठाकुर ने कालिदास रंगालय सभागार में सरगम कला एवं समाज कल्याण मंच द्वारा आयोजित कार्यक्रम का किया। मुख्य अतिथि ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि सरपल्ली राधाकृष्णन जिन्होंने शिक्षा के महत्व को समझा और शिक्षा राष्ट्र के लोगों को अधिक से अधिक मिले और शिक्षा हर के लिए जरूरी है। यह उन्होंने बताया आगे जिन वक्ताओं ने समारोह को संबोधित किया उसमें समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी पटना उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजेंद्र प्रसाद, बिहार नागरिक परिषद के पूर्व महामंत्री ज द यू नेता छोटू सिंह, पूर्व विधान परिषद डॉ रणवीर नंदन आदि ने संबोधित किया।
इस अवसर पर विभिन्न विधाओं के शिक्षकों को सम्मानित किया गया, जिसमें डॉ मीना कुमारी परिहार,सिवान के दयानंद आयुर्वेद महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर प्रजापति त्रिपाठी, प्रबंधन संकाय शिक्षा में नयन रंजन सिन्हा, राजेंद्र कॉलेज छपरा के वरीय शिक्षक ओम प्रकाश वर्मा, पत्रकारिता में संतोष कुमार गुप्ता, सोशल रिसर्च ऑफ बिहार डॉ राजेश कुमार, शास्त्रीय संगीत शिक्षा विभाग में समर्थ नाहर, मुखौटा नृत्य ने ओमप्रकाश, समाज सेवा में अधिवक्ता डॉ कुमार प्रभात और छपरा के मेयर प्रत्याशी व समाज सेविका प्रसिद्ध नूतन देवी को इस वर्ष का” बिहार केसरी सम्मान” स्वरूप अंगवस्त्रम, सम्मान पत्र एवं प्रतीक चिन्ह से सम्मानित किया गया।
आरंभ समारोह का स्वागत भाषण पत्रकार आकाश कुमार ने एवं मंच संचालन एवं अध्यक्षता कला संस्कृति पुरुष वरिष्ठ पत्रकार विश्वमोहन चौधरी “संत” ने किया। इस अवसर पर ढेर सारे गीत संगीत और नृत्य का कार्यक्रम किया गया जिसमें मुखौटा नृत्य ओमप्रकाश काफी सराहनीय रहा। साथी सोनी गुप्ता के निर्देशन में डांडिया नृत्य आस्था सुमैया आरिफा प्रत्यूष वंशिका नितिन घर मोरे परदेसिया आराध्य राय का भी सराहनीय रहा वह देश मेरे गाने पढ़ने खड़ी दीक्षा नंदिनी ने तालियां बटोरा। छोटा बच्चा जान का प्यारा आराध्य रोज,दिलशान, तन्वी, काशीष, आराध्य के अलावे गायन में बिंदु किशोरी,अनुष्का जयसवाल,वंदना,अरुण कुमार गौतम,रीता सिंह और भी कई प्रसिद्ध कलाकारों ने अपनी गायकी से लोगों का मनोरंजन किया।विशेष आकर्षण पूजा भास्कर का भाव एवम् ओम प्रकाश का मुखौटा नृत्य रहा। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन राजीव रंजन शर्मा ने किया।
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