अरूण बिद्रोही। राष्ट्रनायक न्यूज।
नगरा (सारण)। भोजपुरी के शेक्सपियर कहे जाने वाले भिखारी ठाकुर के टीम के एकमात्र बचे विभुति तथा भारत के पूर्व राष्ट्रपति महामहिम रामनाथ कोविंद द्वारा पद्मश्री अवार्ड से पुरस्कृत, नाटृय कलाकार रामचन्द्र मांझी का 7 सितम्बर 2022 यानी बुधवार की देर रात करीब 12 बजे निधन हो गया। भोजपुरी के लौंडा नाच को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने वाले रामचंद्र मांझी ने पटना के आईजीआईएमएस अस्पताल में बुधवार देर रात अंतिम सांस ली। वे हार्ट ब्लॉकेज और इंफेक्शन की समस्या से जूझ रहे थें। उनके निधन से भोजपुरी कला के क्षेत्र में शोक की लहर है। सारण जिले के मढ़ौरा विधानसभा के नगरा प्रखण्ड के खैरा थाना क्षेत्र के तुजारपुर पंचायत के रहने वाले रामचन्द्र मांझी को गंभीर अवस्था में कला खेल एवं संस्कृति मंत्री जितेंद्र कुमार राय की पहल पर पटना के आईजीआईएमएस में भर्ती करवाया गया था। आईजीआईएमएस में उनका इलाज चल रहा था, जहां उन्होंने बुधवार की देर रात अंतिम सांस ली। रामचंद्र मांझी 10 वर्ष की उम्र में ही मशहूर भोजपुरी कलाकार भिखारी ठाकुर की नाट्य मंडली से जुड़ गए थे। वे 30 सालों तक भिखारी ठाकुर के नाच मंडली के सदस्य रहें।
पुलिस पदाधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों ने पार्थिक शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर दी गई विदाई:
भारत के पूर्व राष्ट्रपति महामहिम रामनाथ कोविंद द्वारा पद्मश्री अवार्ड से पुरस्कृत नाटृय कलाकार व भोजपुरी के शेक्सपियर कहे जाने वाले भिखारी ठाकुर के साथ काम कर चुके रामचन्द्र मांझी के निधन पर सारण की जनता शोक में डुब गई। वहीं मृत्यु की खबर सुन क्षेत्र के आलाधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों का उनके घर पहुंच उनको अंतिम विदाई दी। इसके पूर्व रामचन्द्र मांझी को राजकीय सम्मान के साथ पुलिसकर्मियों ने गार्ड ऑफ ऑनर दी। साथ ही सदर अनुमंडल पदाधिकारी अरूण कुमार सिंह, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी मुनेश्वर प्रसाद, मढ़ौरा अनुमंडल पदाधिकारी योगेन्द्र कुमार, नगरा बीडीओ प्रशांत कुमार, खैरा थाना व नगरा ओपी थाना के पुलिस कर्मी ने उनके उनके पार्थिक शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया। मौके पर तुजारपुर पंचायत के मुखिया अमित कुमार, खैरा मुखिया प्रतिनिधि अनिल सिंह, जिला परिषद् सदस्य प्रतिनिधि अभय सिंह, शोधार्थी ज्यानेन्द्र दोस्त, अमरेन्द्र प्रसाद, भाजपा जिलाध्यक्ष रामदयाल शर्मा, गरखा विधान सभा के पूर्व विधायक ज्ञांचन्द्र मांझी के साथ उनके परिजनों के साथ क्षेत्र के लोगों ने उनको नमन करते हुए उन्हें अंतिम विदाई दी।
फोटो- शव यात्रा निकालते ग्रामिण और पुलिस प्रशासन
अंतिम यात्रा में एक झलक पाने जुटे सैकड़ों लोग, लगे रामचन्द्र मांझी अमर रहे के नारे
पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित रामचन्द्र मांझी के अंतिम शव यात्रा में क्षेत्र के सैकड़ों पुरूषों के साथ- साथ महिलाऐ एवं नौजवान युवक उनके अंतिम दर्शन के लिए शव यात्रा में शामिल हो उन्हें अंतिम विदाई दी। शव यात्रा में घोड़ों और बैंड बाजा के साथ उनकी यात्रा घर से निकाली गई। वहीं उनके आवास से खैरा बाजार तक लोगों ने रामचन्द्र मांझी अमर रहे के नारों से पूरा इलाका जूंगमान रहा। उनकी एक झलक पाने के लिए महिलाएं से लेकर बच्चें जुटे रहें।
रिविलगंज के सेमरिया घाट पर पार्थिक शरीर हुआ पंचतत्व में विलीन
भोजपुरी के शेक्सपियर कहे जाने वाले भिखारी ठाकुर के टीम के एकमात्र बचे विभुति रामचन्द्र मांझी के शव को सारण जिले के रिविलगंज प्रखण्ड स्थित सेमरिया घाट पर वे पंचतत्व में विलिन हो गये। वहीं रामचन्द्र मांझी के चार बेटों में सबसे बड़े बटे शम्भु मांझी ने उन्हें मुखाग्नि दी।
फोटो- रिविलगंज के सेमरिया घाट पर रखा गया रामचन्द्र मांझी का पार्थिक शरीर
रामचंद्र मांझी को 2021 में मिला था पद्मश्री अवार्ड तो 2017 में संगीत नाटक अकादमी अवार्ड से थें सम्मानित
भिखारी ठाकुर के शिष्य व लोकमंच के कलाकार रामचंद्र मांझी को पद्मश्री अवार्ड (वर्ष-2021) से नवाजा गया है। जहां राष्ट्रपति भवन के दरबार हाल में 9 नवम्बर 2021 को भारत के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविद ने पद्मश्री पुरस्कार प्रदान किया था। उन्हें राष्ट्रपति ने प्रशस्ति पत्र के साथ एक लाख रुपये की पुरस्कार राशि भेंट की थी। इसके पूर्व केंद्रीय संगीत नाटक अकादमी अवार्ड 2017 से नवाजा गया था। वहीं बिहार सरकार ने रामचन्द्र मांझी को 30 जनवारी 2021 को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड दिया था। इस मौके पर रामचन्द्र मांझी को पुरस्कार स्वरूप एक ताम्र पत्र और एक प्रशस्ति पत्र के साथ अंगवस्त्र मिला था। यह पुरस्कार रामचन्द्र मांझी को विहार सरकार ने प्रदर्शकला के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान एवं विशिष्ट उपलब्धियो के लिए मिला था। 94 वर्ष की उम्र में उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्मश्री अवार्ड मिलने पर समस्त लोककलाकारों, सारणवासियों सहित उनके परिजन गौरवान्वित थें।
फोटो:- भारत के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविद से पद्मश्री पुरस्कार लेते हुए रामचन्द्र मांझी
भीखारी ठाकुर पर रिसर्चर ने सारण में भोजपुरी नृत्यकला अकादमी के साथ उनके नाम पर सड़क या संस्थान का नाम रखने की किया मांग
भिखारी ठाकुर के टीम के एकमात्र बचे विभुति रामचन्द्र मांझी के मृत्यु के पश्चात मौके पर उपस्थित व भोजपुरी के शेक्सपियर कहें जाने वाल भीखारी ठाकुर के जीवनी पर रिसर्च करने वाले ज्यानेन्द्र दोस्त ने बिहार सरकार से सारण जिले में भीखारी ठाकुर के कलाकृतियों को जिवंत रखने जिले में नृत्यकला में रूचि रखने वाले छात्र- छात्राओं के लिए भीखारी ठाकुर के नाम पर भोजपुरी नृत्यकला अकादमी खोलने की मांग करने के साथ उनके नाम को जिवंत रखने के लिए सड़क या संस्थान का नाम रखने की मांग किया।
रिसर्चर ज्यानेन्द्र दोस्त
क्या कहा मढ़ौरा अनुमंडल पदाधिकारी:
मढ़ौरा एसडीओ योगेन्द्र कुमार ने कहा की पूरे जिले के लिए यह बहुत ही दुख: की बात है कि राष्ट्रीय फलक पर पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित रामचन्द्र मांझी हमारे बीच अब नहीं रहे। साथ ही साथ पूरे जिले के लिए यह गर्व की बात है कि इस जिले का प्रथम पद्मश्री अवार्डी रामचन्द्र मांझी को हम सब को जरूरत है न केवल उन्हे श्रद्धांजलि देने की बल्कि उनके द्वारा किये गये कार्यो को, स्कूलों में पाठ्य सामग्री के माध्यम से बच्चें को शिक्षा देने की। साथ ही उनके जीवन यात्रा को समाज के सामने लाकर उनके उपर गर्व करने की। भिखारी ठाकुर के शिष्य रामचन्द्र मांझी द्वारा विदेशीया को लेकर अब तक जीतनी यात्रा की गई है उनको राष्ट्र के पटल पर लाने की जरूरत है जिससे हमारा सामाज और हमारे आने वाली पीढ़ी उससे प्रेरित हो सकने के साथ ही उस कला से अवगत हो सके और उस कला के पीछे उसमें कितना मेहनत है उसकी लोग सराहना के साथ उससे प्रेरणा ले सकें।
फोटो:- मढ़ौरा एसडीओ योगेन्द्र कुमार


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