पंकज कुमार सिंह। राष्टनायक कन्यूज।
मशरक (सारण)। बिहार में नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की सरकार लगातार प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए लगातार काम कर रही है। स्वास्थ्य मंत्री खुद अस्पतालों का औचक निरीक्षण कर रहे हैं। वहीं, संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई भी हो रही है। ऐसे में सारण जिले के मशरक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में गर्भवती महिला को डिलेवरी के दौरान टांका देने के नाम पर अवैध तरीके से उगाही करने का मामला सामने आया है। आपको बता दें कि ऐसा करके स्वास्थ्यकर्मी नीतीश और तेजस्वी सरकार के निर्देशों और भ्र्ष्टाचार के प्रति जीरो टोलरेंस की नीति को पलीता लगा रहे हैं। मामले में पिलखी गांव निवासी अविनाश कुमार कुशवाहा पिता मिश्री लाल सिंह ने बताया कि उनकी पत्नी पूजा गर्भवती थी और उसको प्रसव पीड़ा शुरू हुई तो सरकारी एम्बुलेंस से उसे डिलेवरी के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मशरक में भर्ती कराया गया जहां उसको डिलेवरी में एक लड़का हुआ जिसमें महिला स्वास्थ्यकर्मियों के द्वारा मिठाई खाने के लिए रूपये की मांग की गई जिसमें उनके द्वारा रूपये दिए गए पर डिलेवरी में शामिल महिला स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा डिलेवरी में टांका देने के नाम पर जबरदस्ती 2500 रुपये मांगे गए और नहीं देने पर टांका दिए बिना रेफर करने की धमकीं दी गई जिसमें उनकेे द्वारा रूपये का इंतजाम कर महिला स्वास्थ्यकर्मियों को देकर पत्नी का इलाज कराया गया। स्थानीय ग्रामीण बताते हैं कि गर्भवती महिलाओं से नाजायज राशि की उगाही यहां के लिए नयी नहीं है इसके लिए पहले भी विवाद हुआ है। हॉस्पिटल में यह खेल लंबे समय से चल रहा है। लेकिन इस पर न तो हॉस्पिटल प्रबंधन की नजर है और न स्वास्थ्य विभाग के अफसरों की। इस मामले की जब स्थानीय स्तर पर जांच पड़ताल की तो जो सामने आया वह चौंकाना वाला है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मशरक में आने वाली किसी भी गर्भवती महिला को बख्शा नहीं जाता। डिलीवरी के बाद ओटी से निकलते ही किसी न किसी तरीके से उससे पैसे की वसूली कर ही ली जाती है। हर महिला से डिलीवरी के बाद दो हजार से ज्यादा की डिमांड की जाती है। जो सक्षम नहीं होतीं उनसे बार्गेनिंग की जाती है। लेकिन देना हर किसी को पड़ता है। बहाना खुशी में मिठाई का भी हो जाता है आपकों बता दें कि सरकार की ओर से गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की रक्षा करने के लिए प्रधानमंत्री मातृत्व सुरक्षा योजना, जननी सुरक्षा योजना और मातृत्व वंदना योजना जैसी तमाम योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। यही नहीं गर्भवती महिलाओं से लेकर आम लोगों के स्वास्थ्य लाभ के लिए सरकारी अस्पतालों में सभी सुविधाएं दी जा रही हैं। फिर भी हर किसी को इसका लाभ मिल ही जाए यह कहना भी मुश्किल है।


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