- जर्जर भवन में चलता है,पशु चिकित्सालय।अंदर जाने से कतराते है कर्मी
- पशुपालकों की माने तो चिकित्सालय में मूलभूत सुविधाओं का अभाव नही मिलता है लाभ
संजय कुमार सिंह। राष्ट्रनायक न्यूज।
बनियापुर (सारण)। बिगत दो दशक से प्रखंड मुख्यालय स्थित मवेशी अस्पताल उपेक्षा का शिकार है।भवन, पेयजल, शौचालय, लाइट, पशुओ के लिये दवाएं सहित तमाम मुलभुत सुविधाओ का घोर अभाव होने की वजह से पशुपालको के लिये अस्पताल नकारा साबित हो रहा है। स्थानीय लोगो की माने तो बिभागिये पदाधिकारियो से पशु चिकित्सालय को दुरुस्त करने की कई बार मांग की गई।मगर नतीजा ढाक के तीन पात निकला।प्रखण्ड पशुपालन पदाधिकारी नीकु महेंद्र ने बताया की बारिश होने पर छत से हमेशा पानी टपकते रहता है। ऐसे में जर्जर भवन को लेकर कार्यरत कर्मी अंदर जाने से कतराते है। वही हर समय अप्रिय घटना होने की आशंका बनी रहती है। वस्तु स्थिति से वरीय पदाधिकारीयो को कई बार अवगत कराये जाने के बाद भी अबतक कोई कारगर कदम नहीं उठाया गया। भवन का बरमदा एक दशक पूर्ब ही गिर चूका है। मालूम हो कि विगत के वर्षो में प्रखंड कार्यालय स्थित तमाम कार्यालय का जीर्णोद्धार किया गया। मगर पशु चिकित्सालय को फिर से उपेक्षा का शिकार होना पड़ा। इधर पशुपालको को अस्पताल के माध्यम से आवश्यक सेवाएँ प्राप्त नहीं होने से निजी तौर पर अपने पशुओ को इलाज करना पड़ता है, जहाँ झोला छाप पशु चिकित्सको द्वारा मनमाने तरीको से राशि की उगाही की जाती है। जिससे पशुपालको में बिभागिये उपेक्षा को लेकर रोष व्याप्त है। पशु चिकित्सालय में संसाधन का अभाव होने से पशुपालको को आवश्यक सेवाओं को लेकर परेशानी उठानी पड़ती है।
फोटो(बनियापुर का जर्जर मवेशी अस्पताल )।
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