राष्ट्रनायक न्यूज।
छपरा (सारण)। जिले के चंचौरा बाजार से 3 किलोमीटर दुर फकुली पंचायत के अंतर्गत सिधवलिया गावं में अजय मिश्रा के घर पर वैदिक रिती- रिवाज से छठ का त्योहार मनाया जाता है। यहाँ पर गावं में उपस्थित काली माता के मंदिर के पास पुरानी कुआं है और यह मंदिर काफी प्राचीन है मंदिर के प्रांगण में ही छठ व्रत का पूजन किया जाता है शादी विवाह में भी काली माता का विषेश पूजन किया जाता है. इस गावं के लोग मंदिर पर दैनिक पूजन भी करते है.मंदिर का मुख्य पुजारी अजय मिश्रा जी है इनके लड़के निहाल मिश्रा जो बनारस के प्रख्यात वैदिक पंडित है इन्ही के देख-रेख में में छठ पूजा का आयोजन किया जाता है साथ ही रात्रि में जागरण भी करते है. व्रती महिलाएं बहुत ही धूम- धाम से छठी मईया का पूजन करती है.जो भी व्रती इस दिन सूर्य देव को जल का अर्घ्य देता है, उसकी संतान को कभी कष्ट नहीं मिलता. वह निरोगी व सामर्थ्यवान होते हैं. व्रती सूर्य उदय से सूर्यास्त तक बिना जल ग्रहण किए व्रत रखते हैं.गावं के कई लोग इसी जगह पर पहला दिन अस्ताचलगामी सूर्यदेव,का पूजन तथा दुसरे दिन उगते हुए सूर्य का वैदिक मंत्र के साथ पूजन अर्चन किये मंदिर का पूरा प्रांगण एहि सूर्य सहस्त्रांशो तेजोराशे जगत्पते।
अनुकम्पय मां देवी गृहाणार्घ्यं दिवाकर ।।
पंडित निहाल जी बताए अर्घ्य का चिकित्सीय लाभ:
भगवान सूर्य को जल अर्पित करते हैं तो जल की धारा को पार करती हुई सूर्य की सप्तरंगी किरणें हमारे सिर से पैर तक पड़ती हैं, जो शरीर के सभी भागों को प्रभावित करती हैं। इससे हमें स्वत: ही सूर्यकिरणयुक्त जल-चिकित्सा का लाभ मिलता है। बौद्धिक शक्ति में लाभ के साथ नेत्रज्योति,ओज-तेज, निर्णयशक्ति एवं पाचनशक्ति में वृद्धि पायी जाती है व शरीर स्वस्थ रहता है। वहा पर उपस्थित भीमशंकर मिश्रा, नरसिम्हा मिश्रा, राजा मिश्रा, किशन तथा कई व्रती बताई इस जगह व्रत करने से मनोकामना पूर्ण होता है।
संजीत कुमार मिश्रा,
ज्योतिषाचार्य एवं वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ।
8080426594/9545290847
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