जलालपुर के दिवंगत की शवयात्रा में शामिल हुए हजारों लोग, राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार
अखिलेश्वर पाण्डेय की रिपोर्ट
जलालपुर (सारण)। जलालपुर के लाल व दिल्ली में सीआरपीएफ के 122 वीं बटालियन के सहायक कमांडेंट संतोष तिवारी की सड़क दुर्घटना मे मृत्यु के बाद उनकी शनिवार को सुबह निकली शव यात्रा में हजारों लोग शामिल हुए। उनका अंतिम दर्शन करने के लिए उनके घर पर शनिवार को सुबह में ही हजारों लोग उपस्थित थे। शहीद संतोष का शव शुक्रवार की देर संध्या सीआरपीएफ के जवान जलालपुर लेकर पहुंचे थे। रात्रि आठ बजे जलालपुर बाजार संतोष तिवारी अमर रहे, देश का बेटा कैसा हो संतोष तिवारी जैसा हो वंदे मातरम् के नारों से गूंज उठा। पार्थिव शरीर के बाक्स को देखने के बाद पूरा वातावरण गमगीन हो गया। सभी ने नम आंखों से अपने वीर लाल का दर्शन व नमन किए| शनिवार को जलालपुर स्थित उनके आवास से शव यात्रा निकाली गई। जिसमें जलालपुर तथा आसपास के गांवों के सैकड़ों युवा मोटरसाइकिल और विभिन्न गाड़ियों से शहीद संतोष अमर रहे, भारत माता की जय, वंदे मातरम जय हिन्द के नारा लगाते हुए शामिल हुए। रिविलगंज के श्मशान घाट पर पहुंचने पर सीआरपीएफ के जवानों, पदाधिकारियों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। मातमी धुन बजाए तथा उन्हें सलामी दी। पुरा श्मशान घाट संतोष तिवारी अमर रहे, जलालपुर के लाल तुम पर गर्व है, देश का बेटा कैसा हो संतोष तिवारी जैसा हो के नारों से गूंजता रहा। हजारों की संख्या में उपस्थित लोगों ने नम आंखों से संतोष को अंतिम विदाई दी। शहीद के पांच वर्षीय पुत्र श्रेयान ने मुखाग्नि दी जबकि प्रक्रिया शहीद के पिता कृष्णा तिवारी ने पूरी की। मौके पर सीआरपीएफ वरीय पदाधिकारियों, सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल, उमेश तिवारी प्रमोद सिग्रीवाल, अमरजीत सिंह, मनोज कुमार पांडेय, बुलबुल मिश्रा, अखिलेन्द्र तिवारी, अंकित तिवारी, अविनाश तिवारी, धीरज तिवारी, दिलीप कुमार सिंह सहित सैकड़ों युवा थे।


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