राष्ट्रनायक न्यूज।
छपरा (सारण)। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आंवला नवमी यानी अक्षय नवमी का पर्व मनाया जाता है। बुधवार को आंवला नवमी के अवसर पर जिले भर के श्रद्धालुओं ने व्रत रख कर पारंपरिक विधि विधान से आंवला के पेड़ की पूजा की।इस दौरान महिलाओं ने आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर संतान के स्वास्थ्य और सुख समृद्धि की कामना किए। बुधवार की शाम नगर पंचायत के भोरहोपुर में प्रधानाध्यापिका अनीता पांडेय सहित अन्य महिलाओं ने आंवला के पेड़ के नीचे बैठकर भोजन बनाकर भगवान को भोग लगाने के बाद सपरिवार ग्रहण किया। इस मौके पर प्रशांत पांडेय ने कहा कि आंवला नवमी के पावन अवसर पर व्रत कथा को पढ़ने अथवा सुनने का भी विशेष महत्व है। ऐसी मान्यता है कि भगवान कृष्ण ने अपनी बाल लीलाओं को छोड़कर अपनी जिम्मेदारियों को समझा था। इसलिए उक्त तिथि को आंवला नवमी के रूप में पूजते हैं। एकमा, आमडाढ़ी, रसूलपुर, परसागढ़, एकड़ीपुर, हरपुर, नरहऩी, बिशुनपुरा, माने, राजापुर, भोरहोपुर, नवतन, नचाप, भजौना, असहनी, लाकठ छपरा, सिंगही, महम्मदपुर, टेघरा, मुबारकपुर, देकुली, गौसपुर, पचरुखिया, लालपुर आदि गांवों में बुधवार की सुबह स्नान करके नए कपड़े पहनकर आंवला के पेड़ के नीचे बैठकर उसकी पूजा की गई।वहीं आंवला की जड़ में जल में कच्चा दूध मिलाकर अर्पित किया गया। साथ ही फूल, माला, सिंदूर,अक्षत आदि लगाने के साथ भोग लगाया गया। पेड़ के नीचे बैठकर भोजन किया गया। इसके साथ ही तने में कच्चा सूत आठ बार लपेटा गया। पूजा के बाद व्रत कथा सुन कर आरती की गई।
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