राष्ट्रनायक न्यूज

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मालिनी अवस्थी के लोकगीतों से सरोवोर हुए श्रोता

मनिंद्र नाथ सिंह मुन्ना। राष्ट्रनायक न्यूज।

दिघवारा (सारण)। पर्यटन विभाग के मुख्य सांस्कृतिक मंच पर कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए मालिनी अवस्थी ने लोक रंगों की मिठास और अपने खास अंदाज से श्रोताओं को अपने से जोड़ा। हरिहरक्षेत्र को नमन करते हुए हरे कृष्ण मुरारी… के साथ मंच पर प्रवेश किया। श्रोताओं का अभिवादन करते हुए देवी के गीत निमिया के डार डालेली…, झुलतारी सातों रे बहिनिया.. की भावपूर्ण प्रस्तुति की। उन्होंने भगवान राम के गाथा को याद करते हुए मां जानकी के जन्म का सोहर जिसकी रचना उन्होंने खुद की है कि प्रस्तुति की। उन्होंने गाया अरे मिथिला मगन भयो सिया को जन्म भयो…। इसके बाद लोक संस्कृति के रंग को बिखेरा। दर्शकों के नाम प्रस्तुत करते हुए पूर्वी गीत की तान छेड़ी.. गौना गौना सुनत रहली, गौना न भइल… आफत में परल अरे माई केकरा से कही. । इसके बाद पत्नी के दर्द को बयां करते हुए सुनाया रैलियां बैरन पिया को लिए जाए रे…आग लगे शहर जल जाए रे। प्रस्तुति के दौरान उन्होंने दर्शक दीर्घा में पहुंची और अन्य लड़कियों और महिलाओं के साथ मंच साझा की। श्रोताओं ने भी अपने बीच पाकर आह्लादित हुए। उन्होंने उनके बीच बिरहा की तान छेड़ी – छोटका बलमुआ मोरा बड़ा निक लागे, बसे बजरिया में जान रे … की प्रस्तुत कर लोंगो को खूब झुमायासंस्कृतस्त्रोत गायन एवं रासलीला नृत्य बैले से सम्मोहित रहे श्रोता हरिहरक्षेत्र महोत्सव के प्रारंभ में मुंबई की माध्वी मधुकर एवं साथी कलाकारों के दल ने संस्कृत दुर्गा स्त्रोत गायन से पूरे वातावरण को वैदिक काल का एहसास कराया। संस्कृत के श्लोक के साथ श्रोता सम्मोहित दिखे। वही सुदीपा घोष एवं उनके दल शास्त्रीय नृत्य की अनूठी प्रस्तुति दी। उन्होंने शास्त्रीय नृत्य की हर विधा व अदा से दर्शकों को बांधे रखा। कलाकारों के दल ने भावपूर्ण विद्यापति के गीत पर संगीत बैले की प्रस्तुति ने श्रोताओं को झूमने पर विवश कर दिया। उन्होंने राधा कृष्ण के प्रेम व रास लीलाओं की यादगार प्रास्तुति दी। इस दौरान इति और इशी ने रासलीला में राधा कृष्ण के एक रूप में अपने भवपूर्ण नृत्य से श्रोताओं को प्रभावित किया। वही पटना के केसरी रेमो ने ट्रैक पर कई फिल्मों की गीतों की प्रस्तुति की। कार्यक्रम के बाद दर्शको ने सभी प्रस्तुतियों की जमकर प्रशंसा की।

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