राष्ट्रनायक न्यूज

Rashtranayaknews.com is a Hindi news website. Which publishes news related to different categories of sections of society such as local news, politics, health, sports, crime, national, entertainment, technology. The news published in Rashtranayak News.com is the personal opinion of the content writer. The author has full responsibility for disputes related to the facts given in the published news or material. The editor, publisher, manager, board of directors and editors will not be responsible for this. Settlement of any dispute

बदलते मौसम में बच्चें व बुजुर्ग की स्वास्थ्य पर दें ध्यान:

  • कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले बुजुर्ग एवं बच्चों में निमोनिया की हो सकती हैं शिकायत:
  • बच्चों को निमोनिया से बचाव में पीसीवी वैक्सीन कारगर: डीआईओ
  • निमोनिया के कारण होती है 15 प्रतिशत बच्चों की मौत: डीपीएम

राष्ट्रनायक न्यूज।

पूर्णिया, (बिहार)दिन में गर्मी और शाम ढलते ही ठंड का अहसास शुरू हो रहा है। क्योंकि इन दिनों तेज़ी के साथ मौसम बदल रहा है। जिस कारण किसी भी व्यक्ति की तबियत ख़राब हो सकती है। ऐसे समय में कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले बुजुर्ग एवं बच्चों में निमोनिया की शिकायत हो सकती हैं। प्रभारी सिविल सर्जन डॉ मोहम्मद साबिर ने बताया कि निमोनिया एक संक्रामक रोग है, जो सबसे पहले एक या दोनों फेफड़ों की क्षमता को प्रभावित करता है। इससे सांस लेने में तकलीफ, बुखार, शरीर में दर्द और थकान जैसी समस्याएं हो सकती हैं। हालांकि इसके लिए सबसे पहले लक्षण दिखे जाने के साथ ही नजदीकी अस्पताल में जाकर चिकित्सीय उपचार एवं प्रबंधन जरूरी है। खासकर हमारे नवजात शिशुओं, बच्चों एवं 60 आयुवर्ग से अधिक उम्र वाले लोगों या कमजोर प्रतिरोधक प्रणाली वाले लोगों को निमोनिया संक्रमण का अधिक ख़तरा होता है।

बच्चों को निमोनिया से बचाव में पीसीवी वैक्सीन कारगर: डीआईओ

जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ विनय मोहन ने बताया कि नियमित टीकाकरण में पीसीवी वैक्सीन को शामिल किया गया है। क्योंकि निमोनिया से बचाव एवं सुरक्षित रखने के लिए यह कारगर साबित होता है। जिसको तीन खुराकों में दिया जाता हैं। बच्चों को निमोनिया से बचाने में अहम भूमिका अदा करने के साथ ही दो वर्ष से कम आयु के बच्चों और 2 से 5 साल के बच्चों को अलग-अलग निमोनिया के टीकों की सलाह दी जाती है। क्योंकि यह एक संक्रामक रोग है जो छींकने या खांसने से फ़ैल सकता है। इस समय व्यक्तिगत स्वच्छता, नियमित दिनचर्या और उचित खान पान निमोनिया से सुरक्षा का सबसे कारगर तरीका है।

निमोनिया के कारण होती है 15 प्रतिशत बच्चों की मौत: डीपीएम

जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम ब्रजेश कुमार सिंह ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के शोध बताते हैं कि निमोनिया से ग्रसित होने का खतरा 5 साल से कम उम्र के बच्चों को सबसे ज्यादा है। पूरी दुनिया में होने वाली बच्चों की मृत्यु में 15 प्रतिशत बच्चों की मौत केवल निमोनिया जैसी बीमारियों की वजह से होती हैं। निमोनिया जैसी संक्रामक बीमारी शिशुओं के मृत्यु के 10 प्रमुख कारणों में से एक है। जिसका मुख्य कारण कुपोषण और कमजोर प्रतिरोधक क्षमता को माना गया है। निमोनिया से बच्चों के ग्रसित होने की संभावना सर्दियों के मौसम में अधिक होती है। निमोनिया छींकने या खांसने से फ़ैलने वाला संक्रामक रोग है।

You may have missed