राष्ट्रनायक न्यूज।
छपरा (छपरा)। लौह महिला के नाम से विख्यात भारत की प्रथम एवं एकमात्र महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 105 वी जयंती पर एआईएसएफ जिला सचिव अमित नयन ने उनके ऐतिहासिक पृष्ठभूमि की ओर ध्यान आकृष्ट कराते हुए बताया कि श्रीमती इंदिरा गाँधी का जन्म 19 नवम्बर 1917 को एक प्रतिष्ठित परिवार में हुआ था।श्रीमती इंदिरा गांधी शुरू से ही स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रहीं। बचपन में उन्होंने ‘बाल चरखा संघ’ की स्थापना की और असहयोग आंदोलन के दौरान कांग्रेस पार्टी की सहायता के लिए 1930 में बच्चों के सहयोग से ‘वानर सेना’ का निर्माण किया। सितम्बर 1942 में उन्हें जेल में डाल दिया गया। 1947 में इन्होंने गाँधी जी के मार्गदर्शन में दिल्ली के दंगा प्रभावित क्षेत्रों में कार्य किया । वहीं एआईएसएफ के पूर्व छात्र नेता दिलीप वर्मा ने बताया कि 1958 में उन्हें कांग्रेस के केंद्रीय संसदीय बोर्ड के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया।वे एआईसीसी के राष्ट्रीय एकता परिषद की उपाध्यक्ष और 1956 में अखिल भारतीय युवा कांग्रेस और एआईसीसी महिला विभाग की अध्यक्ष बनीं। उनका जीवन सदैव भारत के किसानों, नौजवानों के प्रति धड़कता था। और जीवन पर्यन्त भारत के सच्चे सिपाही की तरह पूरी दुनिया में चिर काल तक जानी जाएंगी। सूचना और प्रसारण मंत्री रहीं। इसके बाद जनवरी 1966 से मार्च 1977 तक वह भारत की प्रधानमंत्री रहीं। साथ-ही-साथ उन्हें सितम्बर 1967 से मार्च 1977 तक के लिए परमाणु ऊर्जा मंत्री बनाया गया।उन्होंने 5 सितंबर 1967 से 14 फ़रवरी 1969 तक विदेश मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभाला। श्रीमती गांधी ने जून 1970 से नवंबर 1973 तक गृह मंत्रालय और जून 1972 से मार्च 1977 तक अंतरिक्ष मामले मंत्रालय का प्रभार संभाला। जनवरी 1980 से वह योजना आयोग की अध्यक्ष रहीं। एआईएसएफ सारण जिला परिषद स्वर्गीय श्रीमती इंदिरा गांधी जी को उनके 105 वीं जयंती पर उन्हें हृदय से नमन करता है।



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