- चावल बनाने के लिए 31 राइस मिलर ने कराया निबंधन अब तक नहीं हुआ भौतिक सत्यापन
- धान बेचने को ले 12 हजार 329 किसानों ने कराया रजिस्ट्रेशन
- धान खरीदने को ले 2040 रूपये प्रति क्विंटल निर्धारित हुआ न्यूनतम समर्थन मूल्य
छपरा(सारण)। सहकारिता विभाग ने जिले के किसानों से धान की खरीदारी शुरू कर दिया है। करीब 323 प्राथमिक कृषि साख सहयोग समिति यानि पैक्सों में से धान खरीदारी को लेकर 248 पैक्सों व 10 व्यापार मंडलों ने किसानों से धान की खरीदारी शुरू कर दी है। अभी तक करीब 726 किसानों से करीब 5181 मीट्रिक टन धान की खरीदारी किया गया है। हालांकि धान खरीदारी करने के बाद चावल बनाने के लिए राइस मिल में भेजने की दिशा में विभागीय स्तर से कोई पहल नहीं किया गया है। जानकारी के अनुसार पैक्स द्वारा खरीदे गए धान को चावल बनाने के लिए राइस मिलों का रजिस्ट्रेशन को लेकर आवेदन प्राप्त किया गया है। अभी तक जिले के 31 राइस मिलों ने रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन दिया है। लेकिन आवेदन देने वाले राइस मिलों का अभी तक भौतिक सत्यापन की प्रक्रिया शुरू नहीं किया गया है। जिससे खरीदे गए धान पैक्सों के पास ही है। जानकारों की माने तो जैसे-जैसे ठंड बढ़ रही है वैसे-वैसे धान में नमी की मात्रा भी बढ़ रही है। इससे धान अधिप्राप्ति प्रभावित होने की संभावना जताया जा रहा है। धान बेचने के लिए करीब 12 हजार 329 किसानों ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया है। जिनमें से करीब 726 किसानों से धान की खरीदारी किया गया है। जिले में धान अधिप्राप्ति तेज गति से नहीं होने के कारण किसान अपने पैदावार को बिचौलियों बेचने को मजबूर है।जिससे उन्हें काफी आर्थिक नुकसान भी होंगे। हालांकि की जिले के किसानों से आगामी 15 फरवरी 2023 तक धान की खरीदारी करने की तिथि निर्धारित किया गया है। बहरहाल अब देखना बहुल दिलचस्प होगा कि सहकारिता विभाग के पदाधिकारी पैक्स व व्यापार मंडलों के माध्यम से कितना जल्द धान की खरीदारी करा पाते है।
31 राईस मिल संचालकों ने कराया रजिस्ट्रेशन
जिले में प्राथमिक कृषि साख सहयोग समिति यानि पैक्सों व व्यापार मंडलों द्वारा धान की खरीदारी के बाद चावल बनाने के लिए राईस मिलों में सप्लाई देने के लिए रजिस्ट्रेशन का कार्य पूरा कर लिया गया है। हालांकि रजिस्ट्रेशन कराने के वाले राइस मिल का भौतिक सत्यापन का कार्य शुरू नहीं किया गया है जिससे सीएमआर बाधित है। जानकारी के अनुसार अभी तक जिले के करीब 31 राईस मिल के संचालको ने ही रजिस्ट्रेशन कराया है। सूत्रों कि माने तो जिले में करीब 32 राईस मिल स्थापित है।
विभाग के पास धान को ड्रायर की नहीं है व्यवस्था
जिले में पिछले एक सप्ताह से ठंड का प्रभाव बढ़ने के कारण धान में भी नमी की मात्र में वृद्धि हो गई है। जिससे धान की खरीदारी बाधित होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। विभागीय स्तर से जिले के विभिन्न प्रखंडों में धान में नमी की मात्रा को मापा गया है। जिसमें 18 से 22 फीसद तक नमी पाई जा रही है। जानकारों की माने तो धान में नमी को संतुलित करने के लिए जिले के पैक्सों के पास ड्रायर करने की व्यवस्था नहीं है। ताकि अधिक नमी वाले धान को ड्रायर से सुखाकर समान्य किया जा सके।
2040 रूपये प्रति क्विंटल होगी धान की खरीदारी
किसानों से धान की खरीदारी के लिए सहकारिता विभाग ने 2040 रूपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य निर्धारित किया है। इसी मूल्य पर जिले के किसानों से धान की खरीदारी की जा रही है। जानकारी के अनुसार इस बार सामान्य किसानों से करीब 150 क्विंटल तथा बटाईदारों से करीब 50 क्विंटल तक धान की खरीदारी की जाएगी। जानकारी के अनुसार जिले में वर्ष 2016-17 में 1470, 2017-18 में 1550, 2018-19 में 1750, 2019-20 एवं 2020-21 में 1815 व 2021-22 में 1940 रूपये न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया गया था। लेकिन इसबार विभाग ने धान के मूल्य में वृद्धि करते हुए 2040 रूपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है। ताकि किसानों से अधिक से अधिक मात्रा में धान की खरीदारी किया जा सके।
सामान्य किसानों से 150 व बटाईदारों से 50 क्विंटल लिए जाएंगे धान
जिले के धान खरीदारी को लेकर इस बार किसानों से न्यूनतम कितने धान की खरीदारी की सीमा निर्धारित कर दिया है। जानकारी के अनुसार समान्य किसानों से करीब 150 क्विंटल तथा बटाईदारों से करीब 50 क्विंटल तक धान की खरीदारी की जा सकती है। वहीं धान की खरीदारी के लिए सरकारी समर्थन मूल्य 2040 रूपये प्रति क्विंटल निर्धारित की गई है।
अब तक 12 हजार 329 किसानों ने ही कराया रजिस्ट्रेशन
जिले के किसानों को ऑन लाईन रजिस्ट्रेशन कराने वाले से ही धान की खरीदारी करने का प्रावधान किया गया है। जानकारी के अनुसार जिले के विभिन्न प्रखंडों के करीब 12 हजार 329 किसानों ने ही रजिस्ट्रेशन करा पाये है। हालांकि अभी तक सोनपुर प्रखंड से एक भी किसानों ने धान बेचने को लेकर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है। जानकारी के अनुसार ऑन लाईन रजिस्ट्रेशन में सामान्य किसानों को जमीन का भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र, जमीन का रसीद, पहचान पत्र देना है। वहीं बटाईदार किसानों को स्वघोषणा पत्र में बताना होगा कि कितनी जमीन में खेती किये है और कितना उत्पादन हुआ है। इसके साथ बटाईदार किसानों को पहचान पत्र भी देना अनिवार्य है।


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