राष्ट्रनायक न्यूज।
मांझी (सारण)। विश्व मृदा दिवस के अवसर पर सोमवार को कृषि विज्ञान केंद्र मांझी में किसानों मिट्टी जांच के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी दी गई तथा जांच रिपोर्ट के अनुसार उर्वरक का उपयोग करने की सलाह दी गई। कृषि वैज्ञानिक सौरभ शंकर पटेल ने कहा शहरीकरण, सड़क निर्माण, बाढ़, वातावरण में बदलाव सहित अन्य कारणों के कारण मिट्टी खराब हो रही है। खेती योग्य भूमि कम होती जा रही है। बढ़ती आबादी को देखते हुए फसल चक्र को अपनाना जरूरी है। कृषि वैज्ञानिकों ने कहा कि मिट्टी जांच निःशुल्क किया जाता है। मिट्टी जांच कराने के उपरांत जरूरत के अनुसार ही उर्वरक का उपयोग करें ताकि मिट्टी की उर्वरा शक्ति बनी रहे और ज्यादा उत्पादन हो। इसके लिए ज्यादा से ज्यादा जैविक खाद का उपयोग करें ताकि मिट्टी की उर्वरा शक्ति बनी रहे। वहीं किसानों ने कहा कि मिट्टी जांच की रिपोर्ट दो तीन साल पर मिलती है जिसके कारण किसानों के लिए इस जांच का कोई महत्व नहीं रह जाता। किसानों ने कहा कि मिट्टी जांच की रिपोर्ट समय से उपलब्ध कराया जाए। डॉ.कन्हैया लाल रेगर, डॉ.अभय कुमार, तकनीकी सहायक राजेश कुमार सिंह के अलावा विभिन्न गांवों के किसान मौजूद थे।
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