- नगर निकाय चुनाव के प्रत्याशियों के बीच खुशी का माहौल
- सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टलने की घोषणा होते ही प्रत्याशियों द्वारा जनसंपर्क तेज
मनिंद्र नाथ सिंह मुन्ना। राष्ट्रनायक न्यूज।
दिघवारा (सरण)। बिहार में नगर निकाय चुनाव तय समय पर ही होंगे। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर चल रही सुनवाई फिलहाल टल गयी है। अब अगली सुनवाई 20 जनवरी को होगी। राज्य निर्वाचन आयोग ने सूबे में दो चरणों में नगर निकाय चुनाव कराने का ऐलान कर दिया है, जिसके अनुसार 18 दिसंबर को पहले चरण का मतदान होगा और 20 दिसंबर को मतगणना होगी। इसके बाद 28 दिसंबर को दूसरे चरण को वोटिंग और 30 दिसंबर को काउंटिंग होगी। मतलब साफ है कि 20 जनवरी 2023 को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई होगी, तब तक राज्य में चुनाव होने के बाद नतीजे भी आ जाएंगे। वही सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई 20 जनवरी तक स्थगित होने की बात सामने आते ही प्रत्याशियों में खुशी की लहर दौड़ गई है। जैसे ही यह खबर आई प्रत्याशियों के द्वारा जनसंपर्क तेज कर दिया गया एवं उनके द्वारा गाड़ियों पर माइक एवं पैंपलेट लेकर प्रचार का कार्य शुरू कर दिया गया है। बिहार के सभी नगर निकायों में पहले अक्टूबर 2022 में चुनाव होने थे। राज्य निर्वाचन आयोग ने 10 और 20 अक्टूबर को वोटिंग का कार्यक्रम भी तय कर लिया था। मगर पटना हाईकोर्ट ने निकाय चुनाव में ओबीसी और ईबीसी आरक्षण को सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के खिलाफ करार दे दिया। इस कारण इलेक्शन कमीशन ने निकाय चुनाव को स्थगित कर दिया। बिहार में नगर निकाय चुनाव तय समय पर ही होंगे। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर चल रही सुनवाई फिलहाल टल गयी है। अब अगली सुनवाई 20 जनवरी को होगी। राज्य निर्वाचन आयोग ने सूबे में दो चरणों में नगर निकाय चुनाव कराने का ऐलान कर दिया है, जिसके अनुसार 18 दिसंबर को पहले चरण का मतदान होगा और 20 दिसंबर को मतगणना होगी। इसके बाद 28 दिसंबर को दूसरे चरण को वोटिंग और 30 दिसंबर को काउंटिंग होगी। मतलब साफ है कि 20 जनवरी 2023 को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई होगी, तब तक राज्य में चुनाव होने के बाद नतीजे भी आ जाएंगे।
बिहार के सभी नगर निकायों में पहले अक्टूबर 2022 में चुनाव होने थे। राज्य निर्वाचन आयोग ने 10 और 20 अक्टूबर को वोटिंग का कार्यक्रम भी तय कर लिया था। मगर पटना हाईकोर्ट ने निकाय चुनाव में ओबीसी और ईबीसी आरक्षण को सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के खिलाफ करार दे दिया। इस कारण इलेक्शन कमीशन ने निकाय चुनाव को स्थगित कर दिया। इसके बाद बिहार सरकार ने अति पिछड़ा वर्ग के आरक्षण की समीक्षा के लिए आयोग बनाया। आयोग ने विभिन्न शहरी निकायों में जाकर अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है। जल्द ही इसे सरकार को सौंप दी जाएगी। इस बीच राज्य निर्वाचन आयोग ने निकाय चुनाव कराने की पूरी तैयारी कर ली है। सभी जिलाधिकारियों को तारीखें बताकर तैयार रहने के निर्देश दे दिए गए हैं।
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