15वीं वित्त आयोग ने 318 ग्राम पंचायतों के 1807 गांव के विकास को ले भेजा 32.28 करोड़, स्वच्छता, पेयजल व गली-नाली के लिए किये जाएंगे खर्च
छपरा(सारण)। जिले में त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के माध्यम से गांव के विकास के लिए चयनित योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर 15वीं वित्त आयोग ने टायड व अनटायड मद के प्रथम किस्त की राशि भेजा है। जानकारी के अनुसार केन्द्र सरकार द्वारा प्रायोजित 15वीं वित्त आयोग ने ग्राम पंचायत स्तर पर 318 पंचायतों 1807 गांव के विकास के लिए करीब 32.28 करोड़ रूपये भेजा है। जिसमें ग्राम पंचायत स्तर पर अलग-अलग पंचायत के लिए राशि विभाजित कर उनके खाते में भेजा गया है। ताकि सबकी योजना सबका विकास के तहत गांव के सभी समुदायों के समेकित एवं सतत विकास को लेकर ग्राम पंचायत डेवलपमेन्ट प्लान यानी जीपीडीपी में चयनित योजनाओं के क्रियान्वयन में राशि को व्यय किया जा सके। जानकारी के अनुसार 15वीं वित्त आयोग ने ग्राम पंचायत के विकास के लिए टायड व अनटायड मद में 32 करोड़ 28 लाख 85 हजार 887 रुपए भेजा है। इस राशि से गांव के विकास के लिए स्वच्छता, पेयजल, गाली-नाली, खेल मैदान, पुपुस्तकालय संबंधित चयनित योजनाओं पर खर्च किया जाएगा। विशेषज्ञों की माने तो राशि प्राप्त होने के बाद ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर रिर्वस इंट्री का कार्य प्रारंभ करने पोर्टल पर लिंक खोला जाएगा। जिस पर रिर्वस इंट्री किया जाएगा। रिर्वस इंट्री होने के पश्चात जिला परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी सह डीडीसी के डिजिटल हस्ताक्षर से एप्रुव किया जाएगा। इसके बाद भी राशि को गांव के विकास के लिए चयनित योजनाओं के क्रियान्वयन में व्यय किया जाएगा।
ग्राम पंचायतों में मुखिया व पंचायत सचिव के डिजिटल हस्ताक्षर से योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए राशि की होगी निकासी
जिले में पंचायतयी राज संस्था यानी ग्राम पंचायत द्वारा गांव के विकास के लिए 15वीं वित्त आयोग के अनुशंसा के आलोक में प्राप्त राशि का व्यय ई-ग्राम स्वराज पोर्टल के पीएफएमएस के माध्यम से करने का प्रावधान है। जानकारी के अनुसार 15वीं वित्त आयोग की राशि को ग्राम पंचायत स्तर पर मुखिया व पंचायत सचिव के डिजिटल हस्ताक्षर से चयनित योजनाओं के क्रियान्वयन में व्यय किया जाएगा। इसके पहले चयनित योजनाओं को ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर प्रविष्टि किया जाता है। फिर क्रियान्वित योजना पर व्यय करने का प्रावधान किया जाता है।
क्रियान्वित योजना का जियो टैगिंग के बाद हीं वेण्डर के खाते में जाएगी राशि
केन्द्र प्रायोजित 15 वित्त आयोग के अनुशंसा के आलोक में पंचायती राज संस्थाओं को प्राप्त राशि से गांव के विकास से संबंधित कार्य किया जाएगा। जानकारी के अनुसार गांव के विकास के लिए सबसे पहले ग्राम पंचायत स्तर पर जीपीडीपी पर डीपीडीपी तैयार किया जा जाता है। जिसके लिए ग्राम पंचायत स्तर पर मुखिया के अध्यक्षता में ग्राम सभा एवं ग्राम पंचायत कार्यकारिणी की बैठक मुखिया की अध्यक्षता में किया जाता है। जिसमें सभी जनप्रतिनिधि अपने-अपने क्षेत्र के विकास के लिए टायड एवं अनटायड योजनाओं को चयनित कर प्रस्ताव देते है। जिसमें सर्वसम्मित से चयनित योजनाओं को ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर प्रविष्टि किया जाता है। इन्हीं योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए जियो टैगिंग किया जाता है। इसके बाद तकनीकी सहायक द्वारा प्राक्कलन के आलोक में किये गये कार्य के आधार पर दर्ज मापीपुस्त के आलोक में वेण्डर के खाते में राशि भेजा जाता है।
ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर योजना चयनित कर ग्राम पंचायत स्तर पर किया जा चूका है अपलोड
सबकी योजना सबका विकास के अंतर्गत ग्राम पंचायत डेवलपमेंट प्लान यानी जीपीडीपी तैयार करने के लिए ग्राम सभा एवं ग्राम पंचायत कार्यकारिणी की बैठक आयोजित कर चयनित योजना को भी ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर प्रविष्टि कर दिया गया है। अब त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं को राशि मिलने के उपरांत उसे गांव के सामुदायिक विकास के लिए प्राथमिकता के आधार पर चयनित योजनाओं को क्रियान्वित करने के लिए व्यय किया जाएगा। जिससे कि गांव का समेकित विकास हो सके।
पिछले वर्ष की तुलना में 15वीं वित्त आयोग ने कम दिया राशि
त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं द्वारा गांव के विकास के लिए केन्द्र प्रायोजित 15वीं वित्त आयोग वर्ष 2020 से राशि भेजती है। राशि भेजने से पहले ग्राम पंचायत स्तर पर जीपीडीपी, प्रखंड स्तर पर बीपीडीपी एवं जिला परिषद स्तर पर डीपीडीपी तैयार करने के लिए ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर एक साल के लिए बजट प्रर्दशित होता है। जिसके आलोक में योजनाओं को चयनित कर पोर्टल पर ऑनलाइन प्रविष्टि की जाती है। इसके बाद 15वीं वित्त आयोग के अनुशंसा के आलोक में चार किस्तों में राशि आवंटित किया जाता है। लेकिन करीब दो बार निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का कहना है कि इसबार 15 वीं वित्त आयोग ने बजट की राशि में कटौती किया है। जो वर्ष 2020-21, 2021-22, 2022-23 व 2023-24 की तुलना में बहुत हीं कम राशि आवंटित किया गया है। जिससे गांव के सभी समुदायों के समेकित एवं सतत विकास में परेशानी होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।
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