भारत की सभ्यता और संस्कृति को ठीक ढंग से समझने के लिये वेद, शास्त्र, पुराण का ज्ञान होना आवश्यक: समाजसेवी
संजय कुमार सिंह। राष्ट्रनायक प्रतिनिधि।
बनियापुर (सारण)। भारत की सभ्यता और संस्कृति को ठीक ढंग से समझने के लिये संस्कृत का ज्ञान होना आवश्यक है। वेद, शास्त्र, पुराण सहित कई जीवन उपयोगी ग्रंथों की रचना संस्कृत भाषा में ही की गई है। साथ ही संस्कृत को देव भाषा की भी उपाधि दी गई है। अतएव हिन्दुधर्म के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति को संस्कृत का मूलभूत ज्ञान होना जरूरी है।उक्त बातें शिक्षक सह प्रसिद्ध समाजसेवी सच्चिदानंद शर्मा ने सोमवार को संस्कृत दिवस के अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कही।समाजसेवी ने अपने मन का उदगार व्यक्त करते हुए कहा कि वर्तमान परिवेश में सरकारी एवं निजी विद्यालयों में अन्य सभी विषयों के शिक्षकों की नियुक्तियां बड़े चाव से की जाती है।मगर संस्कृत विषय के शिक्षक के लिये रिक्तियां नही निकाली जाती जो चिंता का विषय है।उन्होंने विद्यालयों में संस्कृत शिक्षकों की नियुक्ति के लिये वकालत भी किया।मौके पर उपस्थित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कन्हौली के प्रचार्य राकेश कुमार द्विवेदी ने भी सभ्यता और संस्कृति को बचाने के लिये सभी विद्यालयों में संस्कृत विषय की नियमित पढ़ाई को लेकर पुरजोर समर्थन किया।मालूम हो कि श्रावण महीने की पूर्णिमा तिथि को संस्कृत दिवस के रूप में भी मनाई जाती है।


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