- यहा हर एक ब्यक्ति को पता है शराब बेचता कौन है बिकता कहा है भेंडर कौन है पिता कौन है लेकिन सरकार के अनुसंधान में पता नहीं चल रहा है।
नीरज शर्मा। राष्ट्रनायक न्यूज।
अमनौर (सारण)। शराब बंदी मामले में सरकार के नीति या नियत दोनों में से कोई एक फेल है यह सरकार को तय करनी चाहिए, गांव में आगे आगे शराब का ड्राम जाता है पीछे पीछे चौकीदार जाते है। यह छुपा हुआ नहीं है यह पूरे बिहार का मामला है। अगर यह विफलता है तो इसका जिमेवार कौन है? मरने वाला सभी गरीब है बेचने वाला भी वही है।आखिर यह व्यपार कहा से संचालीत है,आज तक सरकार अनुसंधान नही कर पाई। जबकि गांव के हर एक एक ब्यक्ति को पता है कौन भेंडर है कहा से आता है कौन लाता है कौन पिता है, उक्त बातें सांसद सह भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव प्रताप रूढ़ी ने कही। शुक्रवार को अमनौर के हुस्सेपुर पंचायत के बिभिन्न गांव का दौरा किया बिशाक्त शराब पीने से मृत पीड़ित परिजनों से मुलाकात के बाद पत्रकारों से मुखातिब हुए।उन्होंने कहा कि बिशाक्त शराब के पीने से लगभग 50 लोगो की मौत हो चुकी है।आखिर ये शवल उठता है कि सारण जिला में ही क्यू? बिहार में क्यू?सरकार ने शराब बंदी की नीति बनाई है।लेकिन विषैले शराब बिकता है व बटता हैं आखिर लोग पीते है तो इसका जिमेवार कौन है।मैं जिस गांव में खड़ा हु मृतक के घर के एक युवक ने कहा कि हमने देखा है गांव के चौकीदार गाड़ी लगाकर शराब बेचता हैयह एक दिन का है क्या।शराब बंदी पर नीतीश की बौखलाहट पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सरकार की नीति समाप्त हो गई है विफलता के कगार पर बौखलाहट होती ही है। इन्हने इस दौरान सभी शराब से मृत ब्यक्तिओ के पीड़ित परिजन के घर घर जाकर मिले, उन्हें मदद की सांत्वना दिया।इस मौके पर बिधायक मंटू सिंह, भाजपा के बरिष्ठ नेता राकेश कुमार सिंह, संतोष सिंह समेत सैकड़ो दर्जनों कार्यकर्ता मौजूद थे।
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