राष्ट्रनायक न्यूज

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मौसम के बदले मिजाज को देख बढ़ी किसानों की चिंता

  • कुहासे को देखते हुए आलू की फसल में फफूंदनाशी दवाओं की छिड़काव में जुटे किसान

संजय कुमार सिंह। राष्ट्रनायक न्यूज।

बनियापुर (सारण)। रवि फसलो की बुआई के साथ ही मौसम के बदले मिज़ाज को देख किसानो की चिंता बढ़ गई है।जगदीश राम,महेश राम,अजय सिंह,राजेश राय आदि किसानों ने बताया कि देर से धान की कटाई संपन्न होने के बाद एक पखवाड़े पूर्व गेंहू, आलू और सरसों की बुआई संपन्न हुई है।इस बीच किसान भाई रवि फसलों की पटवन में जुटे है।तबतक कुहासे का प्रभाव बढ़ने से किसान अपनी फसल की सुरक्षा को लेकर चिंतित दिख रहे है।

आलू के पौधों में झुलसा रोग का प्रभाव बढ़ने की आशंका:

तापमान में आई गिरावट और कोहरे की वजह से आलू की फसल में झुलसा रोग लगने की संभावना प्रबल हो गई है।देर से बुआई होने के कारण अभी आलू के पौधे बाहर निकले ही थे की कोहरे का प्रभाव पड़ने लगा।अनुभवी किसानो का कहना है की अभी ठीक ढंग से खेतो की निराई-गुड़ाई भी नहीं हो सकी है।ठंड और कोहरे को देखते हुए मजदूर खेतो में काम करने से कतरा रहे है।जबकि धूप नहीं निकलने से खरपतवार नाशी एवं झुलसा के प्रभाव को रोकने वाली दवाओ के छिड़काव करने से भी आसा के अनुरूप लाभ नही होगा।हालांकि ज्यादातर किसान मौसम को देखते हुए प्राथमिकता के तौर पर आलू की फसल में फफूंदनाशी दवाओं का छिड़काव करने में जुट गए है।देर से बुआई होने के कारण अबतक आलू के प्रथम सिंचाई का भी कार्य प्रभावित है।वही तेलहनी और दलहनी फसलो पर भी कुहासे की वजह से पौधों में बृद्धि प्रभावित होने की बात बताई जा रही है। अनुभवी किसानों की माने तो कुहासे से गेहूं की फसलों को कोई नुकशान नही है।मगर समय पर सिंचाई कार्य अवश्य संपन्न हो जानी चाहिये।

फोटो(कुहासे को देखते हुए आलू के पौधों पर फफूंदनाशी दवाओं के छिड़काव में जुटे किसान)।