राष्ट्रनायक न्यूज।
छपरा (सारण)। मशरक नगर पंचायत क्षेत्र में चुनाव को लेकर नामांकित मुख्य पार्षद और वार्ड के सभी नामांकित पार्षद भी अपनी किस्मत को आजमाने में लग गए है। नगर पंचायत मशरक के वार्डों की दुर्दशा ऐसी है कि यहां विकास के नाम पर वोट नहीं मांगी जा रही। सिर्फ टोले और मुहल्लों से जातिवाद के वोट की सिफारिश हो रही है। वार्ड पार्षदों और मुख्य पार्षद उम्मीदवार जातीय समीकरण बैठा कर अपनी जीत भी सुनिश्चित कर ली है। जबकि बहुरूपी मतदाता हरेक उम्मीदवार के साथ खरे होने का वादा भी कर रहे है। ऐसा करना उनकी मजबूरी भी है। कोई भी किसी से “ना” कह कर व्यक्तिगत विरोध नहीं करना चाहता! इस पहली बार चुनाव में बहुत तरह तरह के राजनीति देखने को मिल रही है। जो लड़ाई सिर्फ जीत की दावेदारी के लिए लड़ी जा रही है, न कि विकास और कुछ अच्छा करने के लिए। ताज्जुब है, यह देखकर कि यह चुनाव इतना लोकप्रिय है कि प्रतिनिधित्व करने वाले अपने भाई पर भी विश्वास न करके अपनी मां और बेटी को मतदाता से वोट मंगवा रहे हैं। ये बदलाव उनके घर तक ही रहेगी या पुरे समाज में ? यह बात हमें सोचने पर मजबूर कर दे रहा है। पत्रकार खुद एक वार्ड का मतदाता है। जिस कारण इन सारी बातों पर गहन विचार-विमर्श कर रहा है, और अपनी मन में समायी बातों को आपके सामने परोस रहा है। और आग्रह भी कर रहा है कि पार्षद और मुख्य पार्षद का चुनाव सोच समझकर करें। क्योंकि आप एक अपने वार्ड के सिपाही को चुन रहें है, और नगर पंचायत से एक राजा को! जो सच में एक राजा की भूमिका निभा सकें और आपके घर-परिवार, मां-बहन की रक्षा कर सके। इस पुरे नगर पंचायत को अपना समझ कर हरेक के साथ बराबर-बराबर विकास और कार्य भी कर सके। कहीं किसी के साथ मतभेद ना रखे। हरेक के साथ बराबरी भावना रखें। शिक्षित हो और शिक्षा के प्रति जागरूकता अभियान चलाए, जुझारू हो और आपके हक और सही काम के लिए अधिकारी और पदाधिकारियों से आपका हक दिला सके। नशीले पदार्थों का सेवन न करता हो। आप उसके सामने बेहिचक अपनी दुविधा को प्रस्तुत कर सके। इन सब को ध्यान में रखकर ही एक राजा स्वरूप अपने मुख्य पार्षद का चुनाव करें।गणना किजिए कि क्या बीते दिनों में हुए आपके इलाके में लुट खसोट के खिलाफ किसी ने आवाज उठाई थी? जो घोषणापत्र में घोषणा हो रही है, वो कभी उसके खिलाफ कोई कदम उठाए गए है? क्या आपके वार्ड में साफ सफाई लगातार हो रही थी या सिर्फ दिखावा था! अगर नहीं हुई थी तो क्या इसके खिलाफ किसी ने भी आवाज उठाई थी? विकास को लेकर किसी ने हुंकार भरी थी? इन सारी प्रश्नों से निरूत्तर होकर आस सभी के सामने एक सवाल बन गया है। यह एक बरसाती चुनाव है। जिसमें तरह तरह के प्रत्यासी अपने सच्चे और भले इंसान का मुखौटा लिए आपसे वोट मांगने आएगा। अंततः आपको सोच समझकर वोट देना है। और आस पास के लोगो को भी वोट देने के लिए जागरूक करना है।


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