- विभागीय स्तर पर सीएचओ की प्रतिनियुक्ति के बाद प्रारंभिक चरण में दिया जाता है प्रशिक्षण: सिविल सर्जन
- एएनएम एवं आशा कार्यकर्ताओं के साथ समन्वय स्थापित कर कार्य करने की आवश्यकता: डॉ वीपी अग्रवाल
- सीएचओ द्वारा स्वास्थ्य कार्यक्रमों को धरातल पर उतारने की जिम्मेदारी: डीएमएंडई
राष्ट्रनायक न्यूज।
पूर्णिया (बिहार)। सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के निवासियों की सेहत को संवारने के उद्देश्य से सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) की प्रतिनियुक्ति की जाती है। इस क्रम में ज़िले के 64 नवनियुक्त सीएचओ को राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय सह अस्पताल परिसर के बीएससी नर्सिंग एकेडमिक भवन में स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से जपाइगो के क्षेत्रीय कार्यक्रम पदाधिकारी विनय कुमार गुप्ता द्वारा एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। इसके तहत पहले चरण में 35 तो दूसरे चरण में 64 सीएचओ को जपाइगो के सहयोग से प्रशिक्षित किया गया। इसमें स्थानीय स्तर पर प्राथमिक प्रबंधन, नवजात शिशुओं में खतरे के संभावित लक्षणों की पहचान, रेफर करने की प्रक्रिया, उच्च जोखिम वाले प्रसव की पहचान, प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान की जानकारी के अलावा जन्म के समय नवजात शिशुओं को त्वरित देखभाल, बच्चे की सांसों का चलना, रक्त संचार, एचडब्ल्यूसी एनसीडी, टेलीमेडिसिन, टीबी, वीडीएमएस सहित कई अन्य कार्यक्रमों की जानकारी दी गयी। इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी, ग़ैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ विष्णु प्रसाद अग्रवाल, डीसीएम संजय कुमार दिनकर, ज़िला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी आलोक कुमार, प्रभारी जिला योजना समन्वयक निशि श्रीवास्तव, यूनिसेफ के राजकुमार एवं जपाइगो के क्षेत्रीय कार्यक्रम पदाधिकारी विनय कुमार गुप्ता सहित कई अन्य अधिकारी एवं कर्मी उपस्थित थे।
विभागीय स्तर पर सीएचओ की प्रतिनियुक्ति के बाद प्रारंभिक चरण में दिया जाता है प्रशिक्षण: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दिन प्रतिदिन सीएचओ की प्रतिनियुक्ति कर लगातार सकारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं। विभागीय स्तर पर सीएचओ की प्रतिनियुक्ति के बाद उनको प्रारंभिक चरण में प्रशिक्षण दिया जाता है। ताकि अधिक से अधिक सीएचओ प्रशिक्षित होकर अपने-अपने स्वास्थ्य केंद्रों के माध्यम से किसी भी प्रकार की बीमारियों को गंभीर होने से बचा सकें। ज़िले में 286 स्वास्थ्य उप केंद्र एवं हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर हैं। लेकिन फ़िलहाल 99 केंद्रों पर सीएचओ की प्रतिनियुक्ति की गई हैं।
एएनएम एवं आशा कार्यकर्ताओं के साथ समन्वय कर कार्य करने की आवश्यकता: डॉ वीपी अग्रवाल
ग़ैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ विष्णु प्रसाद अग्रवाल ने कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य के अधिकारियों द्वारा अपने-अपने पोषक क्षेत्रों की एएनएम एवं आशा कार्यकर्ताओं के साथ समन्वय कर गैर संचारी एवं संचारी रोगों से संबंधित उचित परामर्श के साथ-साथ उससे संबंधित सभी तरह की जांच कर दवा देने के लिए प्रेरित करने की जिम्मेदारी लेनी होगी। ग्रामीण क्षेत्रों में अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर पदस्थापित सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी या एएनएम को निचले पायदान पर रहने वालों ग्रामीणों की स्वास्थ्य से संबंधित सुविधाएं मुहैया कराया जाता हैं। प्रशिक्षित सीएचओ अपने-अपने केंद्रों के माध्यम से मरीजों को चिकित्सीय उपचार एवं उचित परामर्श देने का काम करते रहे।
सीएचओ द्वारा स्वास्थ्य कार्यक्रमों को धरातल पर उतारने की जिम्मेदारी: डीएमएंडई
ज़िला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी आलोक कुमार ने बताया कि हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर कार्यरत सीएचओ द्वारा स्वास्थ्य कार्यक्रमों को धरातल पर उतार कर संक्रमित बीमारियों से मरीज़ों को अवगत कराना होता है। ताकि समय रहते उसका परामर्श के साथ ही उचित इलाज कर रोगमुक्त कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकें। प्रारंभिक चरण में टीबी एवं फाइलेरिया बीमारी के अलावा सामान्य रूप से संस्थागत एवं सुरक्षित प्रसव के साथ शिशु जन्म किसी भी तरह की जटिलता के लिए रेफ़रल कर उसका समुचित व्यवस्था करना होता हैं।
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