- मौके पर पहुँची पुलिस ने आक्रोशित लोगों को समझा-बुझाकर कराया शांत।
- मुख्य बाजार बनियापुर स्थित प्रकाश सेवा सदन का है,मामला।
- प्रशासन के नाक के नीचे आधा दर्जन से अधिक अवैध नर्सिंग होम संचालित होने की लोगों में चर्चा।
- गलत इलाज की वजह से निजी क्लिनिकों में आये दिन मरीजों की जाती है,जान।
राष्ट्रनायक न्यूज।
बनियापुर (सारण)। निजी क्लिनिक के चिकित्सक द्वारा लापरवाही पूर्वक ऑपरेशन किये जाने से शनिवार की अहले सुबह एक महिला मरीज की मौत हो गई। घटना मुख्य बाजार स्थित बनियापुर थाना से चंद कदमों की दूरी पर स्थित प्रकाश सेवा सदन की है। मृतक बनियापुर थाना क्षेत्र के नगडीहा निवासी मुकेश राम की पत्नी (32 वर्षीया) सुनीत देवी है। इधर मरीज की मौत की सूचना मिलते ही क्लिनिक के पास परिजन सहित सैकड़ों लोगों की भीड़ जुट गई। जिसके बाद लोगो ने हो-हंगामा करते हुए जमकर बवाल काटा। बताया जाता है कि मरीज की मौत होने के कुछ ही देर बाद चिकित्सक सहित सभी कर्मी अस्पताल से फरार हो गए। जिसके बाद कई अन्य भर्ती मरीजों को उनके परिजनों ने आनन-फानन में बाहर निकाला। इस बीच नर्सिंग होम में कार्यरत एक स्थानीय कंपाउंडर को पकड़ आक्रोशित लोगों ने धुनाई शुरू कर दी। मगर गनीमत रही कि मौके पर पहुँची पुलिस ने कंपाउंडर को अपनी अभिरक्षा में लेकर तुरंत वहाँ से हटा दिया। वही आक्रोशित लोग क्लिनिक में तोड़फोड़ करने ही वाले थे, की पुलिस द्वारा लोगों को समझा- बुझाकर मामले को शांत कराया गया। जिसके बाद परिजन से घटना की बावत पूछताछ की गई।इधर मौके पर पहुँचे राजद के जिला प्रवक्ता हरेलाल राय एवं स्थानीय मुखिया प्रतिनिधि बीरबहादुर राम ने दोषी चिकित्सक पर कड़ी कारवाई एवं पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की मांग की है। स्थानीय लोगों में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि प्रशासन के नाक के नीचे ही आधा दर्जन से अधिक अवैध नर्सिंग होम चल रहे है। मगर लगातार हो रही घटनाओं के बाद भी कोई ठोस कारवाई नही की जा रही है।
क्या है पूरा मामला?
पूछताछ के दौरान मृत महिला के परिजनों ने बताया कि सुनीता देवी के बच्चेदानी में दर्द की शिकायत थी। जिसको लेकर दो दिन पूर्व वह अपने ससुराल नगडीहा से अपने मायके नारायण टोला आई थी। जहाँ से बगल के ही किसी आशा कार्यकर्ता द्वारा परिजनों को बहला फुसलाकर अच्छे इलाज का झांसा देकर उक्त महिला को इलाज के लिये शुक्रवार को बनियापुर के प्रकाश सेवा सदन लाया गया। जहाँ उपस्थित कथित चिकित्सक व नर्सिंग होम संचालक रंजन गुप्ता द्वारा अपने निजी अस्पताल में भर्ती किया गया। वही ऑपरेशन की बात कहकर शुरुआत में ही आठ हजार रुपये भी जमा करा लिया गया। जिसके बाद बाहर से किसी डॉक्टर को बुलाकर उक्त महिला के बच्चेदानी का ऑपरेशन कराया गया।हालांकि इलाजरत महिला को होश आने के बाद उक्त डॉक्टर चला गया। इस बीच रात्रि में महिला की स्थिति बिगड़ने लगी और सुबह होते- होते महिला ने दम तोड़ दिया। परिजनों का आरोप है की गलत ढंग से ऑपरेशन किये जाने एवं देखरेख के अभाव में महिला की जान गई है।
परिजनों की चीख पुकार से माहौल हुआ गमगीन:
इधर महिला की मौत की सूचना मिलते ही मायके और ससुराल सहित सैकड़ों लोगों की भीड़ घटना स्थल पर एकत्रित हो गई। जहाँ परिजनों की चीख- पुकार से माहौल गमगीन हो गया। हालांकि उपस्थित लोग परिजनों को ढांढस बंधाने में लगे रहे। मृत महिला को दो पुत्र मनीष कुमार (12 वर्ष) एवं सुमित कुमार (08 वर्ष) एवं एक पुत्री सलोनी कुमारी(10 वर्ष) है। जिनका रो- रो कर बुरा हाल बना हुआ है। इस दौरान घटना स्थल के समीप घण्टो अफरा-तफरी का माहौल कायम रहा। वही बनियापुर- हरपुर सड़क मार्ग पर जाम जैसी स्थिति उतपन्न हो गई। जिसे बाद में पुलिस द्वारा हटवाया गया।
झोला छाप डॉक्टरों का फैला है, जाल:
स्थानीय लोगों का कहना है कि मुख्य बाजार बनियापुर में ही आधा दर्जन से अधिक अवैध नर्सिंग होम चल रहे है। जबकि दूर-दराज के इलाकों में ऐसे दर्जनों नर्सिंग होम संचालित है। जिनकी कोई प्रमाणिकता नही है। इन नर्सिंग होम में न तो मान्यता प्राप्त डॉक्टर है, न् ही प्रशिक्षित नर्स है।जो लोगों के लिये नीम हकीम खतरे जान साबित हो रहा है। वही इन अवैध संचालकों पर लगाम लगाने को लेकर मेडिकल विभाग के वरीय पदाधिकारी एवं प्रशासन के द्वारा कारगर कदम नही उठाये जाने से इन लोगों का मनोबल बढ़ा हुआ है। कुछ लोगों ने नाम नही छापे जाने के शर्त पर बताया कि इन अवैध संचालकों का जाल दूर तक फैला है। जिसमें स्वास्थ्य विभाग के निचले स्तर के कई कर्मी शामिल है। ये लोगों भोलेभाले मरीजों को बहला-फुसलाकर इन नर्सिंग होम तक पहुँचाते है। जहाँ मरीजों को बरगलाकर मोटी रकम की उगाही की जाती है। जहाँ कार्य के अनुसार सबके लिये कमीशन तय की गई है।
गलत इलाज से कई लोगों की जा चूकि है, जान:
अवैध नर्सिंग होम में कार्यरत झोला छाप डॉक्टरों की कारगुजारियों की वजह से कई लोगों की जान जा चुकी है। मगर अबतक इनलोगों की कार्यशैली में कोई सुधार नही हो सका है। इस दौरान कई मामलों में बनियापुर और सहाजितपुर थानों में प्राथमिकी भी दर्ज कराई जा चूंकि है। जबकि कई मामलों में पैसों की लेन देन कर समझौता के तहत विवाद का निबटारा किया जाता है। बावजूद इसके अवैध नर्सिंग होम का कारोबार फल- फूल रहा है। गत वर्ष 07 फरवरी को भी इसी तरह का मामला बनियापुर थाने में दर्ज कराई गई थी।जिसमें पीड़ित थाना क्षेत्र के चतुर्भुज छपरा गांव निवासी जलेश्वर साह ने बनियापुर स्थित आयुष सेवा सदन के चिकित्सक के द्वारा गलत इलाज की वजह से गर्भावस्था के दौरान अपनी बहू निकेता की मौत का आरोप लगाया था। जिस मामले में मरीज के परिजन से मोटी रकम वसुलने की भी बात कही गई थी। जबकि पूर्व में भी प्रकाश सेवा सदन में गलत इलाज की वजह से कई मरीजों की जान जा चुकी है।
क्या कहते है, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी?:
इस संबंध में रेफरल अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी अरुण प्रकाश गुप्ता से बात की गई तो उन्होंने बताया कि अवैध नर्सिंग होम संचालकों को लेकर स्वास्थ्य विभाग सख्त है। जिसके लिये सूचनाएं एकत्रित की जा रही है। जल्द ही इन संचालकों पर कारवाई के लिये वरीय पदाधिकारी को अनुशंसा की जाएगी। जिसके बाद इन संचालकों पर नियमानुकूल करवाई शुरू की जाएगी। हालांकि की लोगों की माने तो कुछ महीने पूर्व जिला स्तरीय मेडिकल टीम एवं स्थानीय स्तर पर प्रशासनिक पदाधिकारियों द्वारा बनियापुर के आधा दर्जन से अधिक नर्सिंग होम की जांच की गई थी। मगर स्थिति जस की तस बनी हुई है।
फोटो (परिजनों से पूछताछ करते थानाध्यक्ष, घटना स्थल पर जुटी भीड़ एवं रोते- बिलखते परिजन)।
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