राष्ट्रनायक न्यूज

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एमडीए कार्यक्रम के दौरान कुछ लोगों ने दवा खाने से किया इनकार, अधिकारियों ने दी सारी जानकारी तो पूरे परिवार ने खाई दवा

  • फाइलेरिया से सुरक्षा के लिए लोगों को खिलायी जा रही डीईसी व एल्बेंडाजोल की दवा
  • जिले में 29.54 लाख लोगों को घर-घर जाकर खिलायी जा रही दवा
  • 02 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को खाना है एल्बेंडाजोल व डीईसी

राष्ट्रनायक न्यूज।

कटिहार (बिहार)। 10 फरवरी से जिले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। इस दौरान 02 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को फाइलेरिया से सुरक्षा के लिए डीईसी व एल्बेंडाजोल की दवा खिलाई जा रही है। सम्बंधित जानकारी कुछ लोगों तक नहीं पहुँचने के कारण जिले के कुछ लोगों द्वारा दवा सेवन से इनकार कर दिया गया। जिले के बरारी प्रखंड के लक्ष्मीपुर पंचायत स्थित पल्टनपारा गांव में कुछ परिवार के लोगों ने यह कहकर दवा खाने से इनकार कर दिया कि उन्हें फाइलेरिया जैसी बीमारी अबतक हुई ही नहीं है और आगे भी नहीं होगी। स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपलब्ध कराई जा रही दवा खाने से किसी तरह की समस्या न हो जाए इसलिए उन्हें दवा नहीं खाना है। इसके बाद आशा कर्मियों तथा सीफार के पेशेंट सपोर्ट ग्रुप के सदस्यों द्वारा तत्काल इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग को दी गई। जानकारी मिलते ही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी पल्टनपारा गांव गये और लोगों को फाइलेरिया के प्रति जागरूक किया । लोगों को बताया गया कि ऐसे सभी लोगों को यह दवाइयां खिलाई जा रही है जिन्हें फाइलेरिया नहीं हुआ है। दवाई खाने से लोगों में फाइलेरिया ग्रसित होने की संभावना खत्म हो जाती है और लोग सुरक्षित रहते हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा लोगों को समझाने पर सम्बंधित परिवार के सभी लोगों ने एल्बेंडाजोल व डीईसी की दवा खाई। लोगों को सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम के तहत दवा सेवन के लिए जागरूक करने में सीफार भीएल डीसी पल्लवी कुमारी के साथ फाइलेरिया उन्मूलन में शामिल सीफार नेटवर्क मेम्बर शीला देवी एवं स्थानीय आशा कर्मी स्वाति देवी व पिंकी देवी भी शामिल रहीं ।

फाइलेरिया से सुरक्षा के लिए लोगों को खिलाबा जा रही डीईसी व एल्बेंडाजोल की दवा

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. जय प्रकाश सिंह ने बताया कि सामान्य तौर पर मच्छरों के काटने से होने वाला रोग फाइलेरिया से सुरक्षा के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा हर साल सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) कार्यक्रम चलाया जाता है। इस दौरान 02 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को आशा कर्मियों द्वारा घर-घर जाकर डीईसी व एल्बेंडाजोल की दवा खिलाई जाती है। इसके सेवन से लोग फाइलेरिया ग्रसित होने से सुरक्षित हो जाते हैं। अगर किसी व्यक्ति में फाइलेरिया तत्काल में ही शुरू हुई है तो उसके इन दवाओं के सेवन करने से माइक्रोफाइलेरिया जल्दी खत्म हो जाता है। यह दवा फाइलेरिया के परजीवियों को मार देती है और लोगों को हाथीपांव व हाइड्रोसील जैसी बीमारियों से बचने में मदद करती है। यह दवा पेट के अन्य खतरनाक कीड़ों को भी खत्म करता है तथा खुजली एवं जू से भी लोगों को सुरक्षित रखता है।

जिले में 29.54 लाख लोगों को घर-घर जाकर खिलायी जा रही दवा

भिडिसीओ एन के मिश्रा ने बताया कि सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम के तहत जिले के 29 लाख 54 हजार 913 लोगों को चिन्हित किया गया है जो दवा खाने के योग्य है। इनमें 02 साल से कम उम्र के बच्चे, गर्भवती महिलाओं और गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों को नहीं शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त अन्य सभी लोगों के लिए यह दवा महत्वपूर्ण है। सभी लोगों को डीईसी व एल्बेंडाजोल की दवा उम्र के अनुसार एवं आइवर्मेक्टिन कि दवा ऊंचाई के आधार पर खिलाई जा रही है।

सर्वजन दवा सेवन(एमडीए) कार्यक्रम हेतु याद रखें कि

  • दो साल से छोटे बच्चे, गर्भवती महिलाएं एवं गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को यह दवा नहीं खानी है।
  • यह दवा खाली पेट नहीं खानी है।
  • एल्बेंडाजोल दवा को स्वास्थ्य कर्मी के सामने चबाकर खाना है।
  • आइवर्मेक्टिन दवा पांच साल से अधिक उम्र के लोगों को दिया जाना है।
  • आइवर्मेक्टिन धात्री माता (1 सप्ताह की धात्री) को नहीं देना है।
  • हर पात्र व्यक्ति को स्वास्थ्य कर्मियों के सामने ही दवा खाना है।
  • छूटे हुए व्यक्ति को दवा खिलाने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा पुनः भ्रमण किया जाएगा।