राष्ट्रनायक न्यूज।
दरियापुर (सारण)। प्रखण्ड क्षेत्र के फुरस्तपुर गांव स्थित शिवालय जो छोटकी शिल्होरी के नाम से प्रसिद्ध है यह काफी पुरानी मंदिर है करीब दो सौ साल पहले यहां शिवालय का निर्माण कराया गया था जिस कारण महाशिवरात्रि के दिन आस पास दर्जनों गांव के हजारों लोग यहां जल चढ़ाने आते है। शुक्रवार के सुबह 7 बजे से ही सैकड़ो की संख्या में भक्त श्रद्धालु महिलाएं मंदिर परिसर में जलभरी के लिए पहुंचकर पँक्तिवद्ध खड़ी हो गई और आचार्य के मंत्रोच्चार होते ही गाजे बाजे और भक्ति धुन के साथ कलश यात्रा निकाली जो फुरस्तपुर, डेरनी होते हुए विश्वम्भरपुर गांव स्थित सुखमहि नदी के तीन मुहानी पहुंचकर पवित्र जल अपने अपने कलश में भरकर पुनः शिवालय के प्रांगण में पहुंची जहां आचार्यो ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पवित्र जल का अभिसिंचित करके अखंड अष्टयाम के बने बेदी के पास रखी और चौबीस घण्टे का भगवान्नम उच्चारण के साथ पूरे गांव भक्ति भाव मे भगवान्नम स्मरण करने लगे। यही कुछ वर्ष पहले एक घटना घट गई थी जिसको लेकर पुलिस व्यवस्था काफी चौकसी के साथ कलश यात्रा के साथ चलती रही ताकि शान्ति व्यवस्था के तहत महाशिवरात्रि की व्रत संपन्न हो साथ ही मंदिर परिसर के प्रांगण में मजिस्ट्रेट के साथ कुछ जवानों को तैनात किया गया है। इस मंदिर के प्रांगण से सटे नन्हकू बाबा का मजार गंगा यमुनी तहजीब के बेहतर मिशाल है जहां शिवरात्रि के दिन भक्त श्रद्धालु महिलाएं जब बाबा भोले नाथ के शिवलिंग के जलाभिषेक करके वापस लौटती है तो नन्हकू बाबा के मजार पर भी पुष्प व अगरबती दिखाकर मत्था टेकती यह दृश्य मनोरम लगने के साथ साथ धार्मिक भावना से खिलवाड़ करने वालों को एक सीख भी देती है। शिवालय के प्रांगण के बाहर खाली जमीन पर एक छोटे से मेला भी लग जाता है जहां जलेबी से लेकर खिलौने और कई चीजों की फुटकर दुकान सज जाती है जहां सैकड़ो की संख्या में लोग पूजा करने तो कुछ बच्चों के लिए खिलौने खरीदने व जलेबी अवश्य लेकर जाते है।


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