- गर्भवती महिला एवं अभिभावकों को प्रसव से संबंधित जोखिमों से अवगत कराना मुख्य उद्देश्य: सिविल सर्जन
- नियमित अंतराल के बाद गर्भवती महिलाओं का किया जाता है फॉलोअप, ताकि संस्थागत एवं सुरक्षित प्रसव में कोई दिक्कत नहीं हो: डीपीएम
राष्ट्रनायक न्यूज।
पूर्णिया (बिहार)। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान एवं परिवार कल्याण दिवस को लेकर जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों पर जनसंख्या वृद्धि को कम करने एवं गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व (एएनसी) जांच को लेकर विशेष अभियान चलाया गया। इसमें सभी गर्भवती महिलाओं एवं धात्री माताओं की आवश्यक रूप से स्वास्थ्य परीक्षण एवं एएनसी जांच करने के बाद चिकित्सीय परामर्श के अनुसार निःशुल्क दवा का वितरण भी किया गया। जिलाधिकारी सुहर्ष भगत ने बताया कि राज्य सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा संयुक्त रूप से जारी दिशा-निर्देश के आलोक में ज़िले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर स्थानीय सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी के नेतृत्व एवं यूनिसेफ, केयर इंडिया एवं पिरामल स्वास्थ्य सहित कई अन्य संस्थाओं के साथ समन्वय स्थापित कर परिवार कल्याण दिवस सह पीएमएसएमए का आयोजन किया गया है। ताकि शहर से लेकर सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाली गर्भवती महिलाएं, धातृ माताओं के साथ ही अभिभावकों को इसका लाभ मिल सके। इसके लिए जिला स्तर पर निगरानी करने को लेकर भ्रमणशील टीम का गठन किया गया था। ताकि लक्ष्य की प्राप्ति शत प्रतिशत सफ़ल हो सके।
प्रसव पूर्व जांच के समय अनिवार्य रूप से जटिल प्रसव वाली महिलाओं की होती है पहचान: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी ने बताया कि जच्चा व बच्चा को स्वस्थ रखने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान कार्यक्रम का संचालन किया जाता है। इसके तहत प्रत्येक महीने के 9 वें एवं 21 वें दिन ज़िले के सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों पर विशेष रूप से कैंप का आयोजन किया जाता है। जिसके तहत अभिभावकों के समक्ष गर्भवती महिलाएं एवं धातृ माताओं को सभी तरह की जांच आवश्यक रूप से की जाती है। इसके साथ ही प्रसव पूर्व होने वाली जांच के बाद आवश्यकतानुसार चिकित्सीय सलाह एवं दवाइयां भी निःशुल्क दी जाती हैं। गर्भवती महिलाओं एवं साथ में आने वाले अभिभावकों के अन्य सदस्यों को प्रसव से संबंधित जोखिमों की जानकारियों से अवगत भी कराया जाता है। सामान्य रूप से प्रसव कराने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने के लिए सलाह दी जाती है। जांच के समय जटिल प्रसव वाली महिलाओं की पहचान अनिवार्य रूप से की जाती है। एएनसी के दौरान गर्भवती महिलाओं का वजन, ब्लड प्रेशर, हीमोग्लोबिन, शुगर, एचआईवी एवं मलेरिया से बचाव को लेकर जांच की गई। ज़िले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर एएनसी कराने के लिए आने वाली गर्भवती महिलाओं एवं उनके परिजनों को बेहतर स्वास्थ्य के लिए पौष्टिक आहार के लिए विशेष रूप से सलाह दी गयी। इसके लिए उन्हें हरी सब्जियां, ताजे फल एवं नियमित तौर से आयरन की गोली खाने के लिए जागरूक किया गया।
नियमित अंतराल के बाद गर्भवती महिलाओं का किया जाता है फॉलोअप, ताकि संस्थागत एवं सुरक्षित प्रसव में कोई दिक्कत नहीं हो: डीपीएम
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम सोरेंद्र कुमार दास ने बताया कि राज्य स्वास्थ्य समिति एवं जिलाधिकारी सुहर्ष भगत के निर्देशानुसार एवं सिविल सर्जन के मार्गदर्शन में ज़िले के सभी स्वास्थ्य संस्थाओं पर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) की गयी। एएनसी जांच में गर्भवती महिलाओं का ब्लड शुगर, हाई ब्लड प्रेशर, एनीमिया आदि की जांच की गई। स्वास्थ्य केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं के गर्भस्थ बच्चों की स्थिति की जांच चिकित्सा पदाधिकारियों, प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा की गई। जांच के बाद सभी गर्भवती महिलाओं एवं धातृ माताओं को आवश्यक रूप से दिशा-निर्देश दिया गया। ताकि गर्भस्थ शिशुओं की उचित देखभाल के लिए किस तरह के पौष्टिक आहार लेने की आवश्यकता होती है। वहीं जटिल स्थिति वाली गर्भवती महिलाओं को विशेष श्रेणी में रख कर उनकी अलग से जांच कराई गई। ताकि सुरक्षित एवं संस्थागत प्रसव कराने में किसी तरह की कोई असुविधा नहीं हो। प्रत्येक महीने के 9 एवं 21 तारीख को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों एवं कर्मियों द्वारा प्रसव पूर्व जांच कराई जाती है। इसके बाद नियमित अंतराल पर उनका फॉलोअप भी किया जाता है। वहीं स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों द्वारा परिवार कल्याण दिवस को लेकर जनसंख्या वृद्धि रोकने के लिए विभिन्न तरह की दवाएं एवं सुरक्षित उपयोग में लाने वाले उपायों के प्रति जागरूक किया गया।
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