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सारण में 8 प्रखंड के 76 पंचायत के 359 गांव में 6.17 लाख आबादी बाढ़ से प्रभावित, प्रशासन व एनडीआरएफ की 4 टीम जुटी है राहत एवं बचाव कार्य में और 266 सामुदायिक किचेन में 1.42 लाख लोगों को दिया जा रहा भोजन

सारण में 8 प्रखंड के 76 पंचायत के 359 गांव में 6.17 लाख आबादी बाढ़ से प्रभावित, प्रशासन व एनडीआरएफ की 4 टीम जुटी है राहत एवं बचाव कार्य में और 266 सामुदायिक किचेन में 1.42 लाख लोगों को दिया जा रहा भोजन

कशिश भारती की रिपोर्ट

छपरा(सारण)। जिला में गंडक नदी का प्रलयकारी बाढ़ की लीला जारी है। पानापुर, तरैया, अमनौर, मकेर, मशरक, परसा, इसुआपुर, मढ़ाैरा सहित करीब आठ प्रखंडों के 76 पंचायत के 359 गांव बाढ़ के पानी से घिर गया है। करीब 266 स्थानों पर सामुदायिक किचेन चलाया जा रहा है, जिसमें करीब एक लाख 42 हजार लोगों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। जिला प्रशासन एवं एनडीआरएफ की टीम के द्वारा लगातार राहत एवं बचाव कार्य चलाया जा रहा है। प्रशासन द्वारा बाढ़ से बेघर हुए लोेगों को सामुदायिक किचेन में भोजन कराया जा रहा है। वहीं पशुओं को भी संरक्षित करने का कार्य किया जा रहा है। जिला प्रशासन एवं एनडीआरएफ की टीम द्वारा लगातार बाढ़ पीड़ितोंं को हरसंभव मदद पहुंचाया जा रहा है। साथ ही एनडीआरएफ टीम करीब 91 सदस्य लगातार बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर पीड़ितों को उंचे स्थानों एवं जिला प्रशासन द्वारा बने आश्रय केन्द्रों में पहुंचा रही है। जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन के निर्देश पर जिलास्तरीय पदाधिकारी राहत एवं बचाव कार्य में जुटे हुए है। अभी तक करीब 14 हजार 30 पॉलिथिन सीट्स का वितरण किया गया है। 259 परिचालित नाव एवं 19 मोटर वोट के द्वारा राहत एवं बचाव कार्य चलाया जा रहा है। वहीं सदर अनुमंडलाधिकारी अभिलाषा शर्मा मकेर प्रखंड के बाढ़ पीड़ितों को हर संभव मदद पहुंचाने को  लेकर दौरा कर जायजा ले रही है।

बाढ़ से 21 हजार पशुओं भी बाढ़ प्रभावित 36 क्विंटल चारा का हुआ वितरण

विनाशकारी बाढ़ की लीला ने लोगों का सबकुछ छिन लिया है। मानव के साथ-साथ पशुओं को भी चारा की किल्लत हो गई है। बाढ़ पीड़ित लोग अपने पशुओं को भी सुरक्षित रख रहे है। इस दौरान प्रशासन ने दावा किया है कि करीब 21 हजार बाढ़ प्रभावित पशुओं को सुरक्षित करने के सहायता पहुंचाया गया है। करीब 36 क्विंटल चारा का वितरण किया गया है। पशुओं के इलाज के लिए करीब पांच कैम्प संचालित किया जा रहा है। इसमें अभी तक करीब दो हजार 500 पशुओं का इलाज किया गया है।

134 सामुदायिक किचेन में 74 हजार 745 लोगों को दिया जा रहा भोजन

आपदा प्रबंधन के प्रभारी पदाधिकारी ने बताया कि बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए करीब 134 सामुदायिक किचेन चलायी जा रही है। जिसमें करीब 74 हजार 745 लोगों को भोजन कराया जा रहा हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों 16 स्वास्थ्य केन्द्र खोले गये हैं जहाँ अभी तक 566 लोगों का इजाल किया गया हैं। कुल 13 हजार हैलोजन की टैबलेट का वितरण कराया गया है। करीब पाँच पशु कैम्प खोले गये हैं, जहाँ अभी तक 1045 पशुओं का इलाज किया गया है।

 

बाढ़ प्रभावित फसलों का आकलन के लिए तैयार होगा आई स्टीमेट, बाढ समाप्त होने के बाद फसल क्षति का होगा सर्वेक्षण

प्रलयकारी बाढ़ से हजारों एकड़ रकबें में लहलहा रही फसलों की भारी नुकसान हुआ है। इसके लिए कृषि विभाग द्वारा बाढ़ से प्रभावित करीब आठ प्रखंडों के 359 गांवों के फसलों की क्षतिपूर्ति का आंकलन के लिए आई स्टीमेट तैयार किया जा रहा है। बाढ़ का पानी खेतों से हटने के बाद फसलों की क्षति का वास्तविक रिपोर्ट तैयार करने के लिए सर्वेक्षण कार्य किया जाएगा। इसके लिए पंचायतों में पदस्थापित किसान सलाहकार व कृषि समन्यवकों को लगाया जाएगा। सर्वेक्षण होने के बाद विभागीय दिशा-निर्देश आने पर ही किसानों को सरकारी दर पर फसल की क्षति का मुआवजा दिया जाएगा। जानकारी के अनुसार जिले के पानापुर, तरैया, अमनौर, मकेर, मशरक, परसा, इसुआपुर, मढ़ाैरा प्रखंड के किसानों के फसलों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। जिससे किसानों को भारी क्षति हुई है। फसलों के नुकसान होने से ज्यादातर किसान हताश व मायूस है। जानकारी के अनुसार जिले के आठ प्रखंडों के करीब 359 गांवों में लहलहा रहे 30 हजार एकड़ से भी अधिक फसलों का नुकसान होने का अनुमान लगाया जा रहा है। अभी भी बाढ़ का पानी नये इलाको में प्रवेश कर रहा है। जिससे अधिक रकबें मे लगी फसलों के नुकसान होने का अनुमान है। फिलहाल विभाग द्वारा फसल में बाढ़ का पानी प्रवेश करने से होने वाले नुकासन का आई स्टीमेट तैयार किया जा रहा है।

किसानों के बाढ़ से नुकसान फसलों का डोर टू डोर होगा सर्वेक्षण

जिले में आयी बाढ़ से किसानों के नुकसान फसलों का सर्वेक्षण डोर टू डोर किया जाएगा। जानकारी के अनुसार जिले के सभी बाढ़ प्रभावित इलाको से बाढ़ का पानी हटने के बाद ही सर्वे का कार्य शुरू किया जाएगा। इसके लिए किसानों को फसल बुआई का रकबा व बाढ़ से नुकसान हुए फसल के रकबें की जानकारी प्रगणक को देना होगा। इसके अलावें आवेदक का फोटो व बैंक खाता भी देना पड़ सकता है। साथ ही जरूरत पड़ने पर बाढ़ प्रभावित इलाकों का फोटो भी संग्रहीत किया जाएगा।

 

बाढ़ पीड़ित परिवारों को दिया जाएगा 6 हजार रूपये, बैंक खाते में जाएंगी राशि, होगा सर्वे

जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन के ने सारण जिला के आठ अचलों पानापुर, मशरक, तरैया, परसा, मकेर, अमनौर, मढ़ौरा तथा इसुआपुर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में प्रति परिवार 6 हजार रूपये की राशि जीआर के रूप मे पीएफएमएस के माध्यम से उनके खातों में डालने का निर्देश संबंधित अंचलाधिकारियों को दिया गया है। जिलाधिकारी के द्वारा संबंधित अंचलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि संबंधित अंचलों के पीएफएमएस डाटा के त्रुटिपूर्ण मामलों का अविलंब निराकरण करते हुए प्रभावित परिवारों की सूची सार्वजनिक कर दो दिनों के अंदर विहित प्रक्रिया के अनुसार प्रभावित परिवारों को आनुग्रहिक राहत (जीआर) की राशि 6 हजार रूपये प्रति परिवार की दर से भुगतान पीएफएमएस के माध्यम से किये जाने के लिए आवश्यक कार्रवाई करना सुनिश्चित करें।