राष्ट्रनायक न्यूज

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पटना हाईकोर्ट के फैसले से वित्तरहित‎ शिक्षा कर्मियों में खुशी की लहर‎

पटना हाईकोर्ट

पटना हाईकोर्ट

राष्ट्रनायक न्यूज।

छपरा (सारण)। सूबे के वित्तरहित शिक्षकों व‎ शैक्षणिक संस्थानों को लेकर‎ मंगलवार को हाईकोर्ट, पटना ने एक‎ फैसला सुनाया है। जिसका स्वागत‎ तमाम शिक्षक नेताओं ने किया है।‎ फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए‎ आभार प्रकट किया है। यहां बता दें‎ कि मुख्य न्यायाधीश के डिवीजन‎ बेंच ने शिक्षा विभाग, बिहार सरकार‎ तथा बिहार विद्यालय परीक्षा समिति‎ द्वारा दाखिल एलपीए को खारिज कर‎ दिया है। बिहार इंटरमीडिएट शिक्षक‎ एवं शिक्षकेतर कर्मचारी महासंघ के‎ महासचिव प्रो गणेश प्रसाद सिंह ने‎ कहा है कि उच्च न्यायालय के न्याय‎ निर्णय के द्वारा अनुदानित‎ शिक्षाकर्मियों को सम्मान मिला है।‎ साथ हीं उन्होंने कहा है कि नामांकन‎ से वंचित 138 अनुदानित‎ इंटरमीडिएट कालेज को बिहार‎ विद्यालय परीक्षा समिति क्षतिपूर्ति दे।‎ उन्होंने कहा है कि माननीय उच्च‎ न्यायालय के एकल पीठ द्वारा बिहार‎ इंटरमीडिएट शिक्षक एवं शिक्षकेतर‎ कर्मचारी महासंघ की याचिका में‎ न्याय निर्णय देते हुए सभी 599‎ अनुदानित इंटरमीडिएट कालेज एवं‎ डिग्री कॉलेज के इंटरमीडिएट खण्ड‎ की मान्यता, बिहार इंटरमीडिएट शिक्षा‎ परिषद अधिनियम 1992 के अन्तर्गत‎ पूर्ववत प्रस्वीकृति एवं बिहार‎ इंटरमीडिएट शिक्षा परिषद निरसन‎ विधेयक 2007 के अन्तर्गत संरक्षित‎ मानते हुए पूर्ववत बहाल करते हुए‎ नामांकन प्रक्रिया को सामान्य बनाए‎ रखने का निर्णय दिया गया था। किन्तु‎ बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने‎ हाईकोर्ट के इस आदेश की अपने‎ मनमाने ढंग से व्याख्या करते हुए‎ एलपीए दाखिल कर दिया, जिसे कोर्ट‎ ने खारिज कर दिया है। अनुदान नहीं‎ वेतनमान फोरम के प्रांतीय संयोजक‎ प्रो. रोशन कुमार ने हाई कोर्ट के इस‎ आदेश का स्वागत करते हुए कहा है‎ कि यह कठिन लड़ाई थी, जिसे हम‎ लोगों ने जीता है। तमाम कठिनाइयों‎ का सामना करते हुए वित्तरहित शिक्षा‎ कर्मियों ने मजबूती से अपनी कानूनी‎ लड़ाई लड़ी है।‎