- वीर कुंवर सिंह के विजयोत्सव पर क्षत्रिय महासभा राजपूत समाज अखंड भारत सारण इकाई के तत्वधान में विचार गोष्ठी आयोजित
राष्ट्रनायक न्यूज। नरुचि कमल सिंह सेंगर
छपरा (सारण)। छपरा के हवाई अड्डा के जेके हाउस में वीर कुंवर सिंह के विजयोत्सव पर एक विचार गोष्ठी क्षत्रिय महासभा राजपूत समाज अखंड भारत सारण इकाई के तत्वधान में आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व प्राचार्य अरुण सिंह ने किया। कार्यक्रम का शुभारंभ वीर कुंवर सिंह के तैल्य चित्र पर माल्यार्पण कर व दीप प्रज्वलन करने के साथ हुआ। इस दौरान मौजूद सभी अतिथियों ने उनके तैल्य चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता हिमाचल प्रदेश के शिमला के आईजी पुलिस आईपीएस डॉ जयप्रकाश सिंह थे। वहीं विशिष्ट अतिथि जिला परिषद की उपाध्यक्ष प्रियंका सिंह, प्रो प्रियेश सिंह एवं पूर्व मुखिया विनोद सिंह थे। सभी आगंतुक अतिथियों को क्षत्रिय महासभा राजपूत समाज अखंड भारत के प्रदेश अध्यक्षा महिला प्रकोष्ठ क्षत्राणी कुमारी किरण सिंह द्वारा तलवार, पगड़ी एवं अंग वस्त्र भेंट कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता आईपीएस डॉ जयप्रकाश सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि प्रथम स्वतंत्रता सेनानी बिहार और उत्तर प्रदेश के उस समय के कई रियासतों को अंग्रेजों से मुक्ति दिलाकर उनको आजाद करने का काम बाबू वीर कुंवर सिंह जी ने किया था। बाबू वीर कुंवर सिंह के स्वतंत्रता आंदोलन में सभी जाति और धर्म के लोग शामिल थे। उनके ही बल पर उन्होंने अंग्रेजों का छक्का छुड़ा दिया था और उस समय तत्कालीन अंग्रेज अधिकारी ने कहा था कि अगर वीर कुंवर सिंह 1857 में युवा होते तो उस समय ही अंग्रेजों को भारत छोड़कर जाना पड़ता। अध्यक्षता कर रहे पूर्व प्राचार्य अरुण सिंह ने कहा कि वीर कंवर सिंह के छापामार युद्ध में उनका कोई सानीध्य नहीं था और सिंह एक बुद्धिमान एवं चतुर व्यक्ति थे। अपने चतुराई और सूझबूझ के कारण ही एक बार कुंवर सिंह को गंगा पार करनी थी, पर अंग्रेज सरकार उनके पीछे लगी थी। उन्होंने बचने के लिए ये हवा उड़ा दिया कि वे बलिया से हाथियों पर अपनी सेना के साथ नदी पार करेंगे। परंतु उन्होंने उसके उल्टा शिवराजपुर से नदी पार कर ली और अंग्रेज को मूर्ख बना दिया। वहीं जिला परिषद के उपाध्यक्षा प्रियंका सिंह ने कहा कि वीर कुंवर सिंह 9 माह में 15 बार लड़ाई लड़कर जीती। वीर कुंवर सिंह ने 80 वर्ष की आयु में जो कर दिखाया वह किसी दूसरे ने आज तक न किया होगा न करेगा। वीर कुंवर सिंह की लड़ाई में महिलाओं ने भी चूड़ी तोड़ कर एवं मांग के सिंदूर मिटा कर अपने पतियों को कुंवर सिंह के साथ युद्ध में भेजने का काम किया था। वहीं प्रो प्रियेस रंजन सिंह ने कहा कि वीर कुंवर सिंह की जीवन को आज के युवा पीढ़ी को बताना चाहिए। ताकि नई पीढ़ी उससे प्रभावित हो सके। कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रो जेके सिंह, पूर्व मुखिया विनोद सिंह, प्रत्याशी विधान पार्षद डॉ धर्मेंद्र सिंह, जिला अध्यक्ष अनिल सिंह, जिला महामंत्री धर्मेंद्र सिंह चौहान, जिला उपाध्यक्ष मदन कुमार सिंह, अर्द्धेन्दु शेखर, सत्यानंद सिंह, अमरेंदर सिंह, गामा सिंह, मोनू सिंह, राजेश सिंह, प्रो ब्रजेश सिंह, धीरज सिंह, राजा सिंह, हरेश्वर सिंह, अखिलेश सिंह, विनोद सिंह, शिक्षक धर्मनाथ सिंह, भोला सिंह के साथ-साथ सैकड़ों क्षत्रिय-राजपूत समाज के लोग शामिल हुए। मंच का संचालन श्रीनिवास सिंह ने किया और धन्यवाद ज्ञापन सत्यानंद सिंह ने किया।
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