राष्ट्रनायक न्यूज

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विश्व मलेरिया दिवस पर बीमारी से बचाव एवं सुरक्षित रहने के लिए दी गई जानकारी:

  • गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व मलेरिया की जांच अनिवार्य रूप से करनी चाहिए: सिविल सर्जन
  • कीटनाशक से उपचारित मच्छरदानी का प्रयोग अनिवार्य रूप से करना चाहिए: डॉ जेपी सिंह

राष्ट्रनायक न्यूज।

कटिहार (बिहार)। मलेरिया की रोकथाम, नियंत्रण और उन्मूलन एवं जागरूकता के लिए प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस मनाया गया। क्योंकि मलेरिया एक जानलेवा बीमारी है जो प्लास्मोडियम परजीवी के कारण होता है। सिविल सर्जन डॉ जितेंद्र नाथ सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से इस मौके पर ज़िले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान हैंडबिल, स्लोगन या अन्य माध्यमों से मलेरिया जैसी बीमारी से बचाव एवं उपचार से संबंधित जानकारी दी गई। इसके साथ ही जिले के सभी प्रखंडों में जागरूकता अभियान से संबंधित कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।

गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व मलेरिया की जांच अनिवार्य रूप से करनी चाहिए: सिविल सर्जन

सिविल सर्जन डॉ जितेंद्र नाथ सिंह ने बताया कि भारत में संक्रमण 65% प्लाजमोडियम वाइवैक्स तथा 35 प्रतिशत प्लाजमोडियम फैल्सीपैरम के कारण होता है। छोटे बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं में इस रोग के प्रति प्रतिकार क्षमता अत्यंत ही कम होती है। इसके कारण माता मृत्यु, मृत शिशुओं का जन्म, नवजात शिशुओं का वजन अत्यधिक कम होना एक प्रमुख समस्या है। इसे रोकने के लिए गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व मलेरिया की जांच अनिवार्य रूप से करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किया गया है। क्योंकि मलेरिया के परजीवी मुख्य रूप से चार प्रकार के होते हैं। जिसमें प्लाज्मोडियम वीवेक्स एवं प्लाज्मोडियम फालसिफेरम टाइप के परजीवी पाए जाते हैं। यह बीमारी मादा एनोफिलीज मच्छर के काटने से फैलती है। जब यह मच्छर किसी व्यक्ति को काटता तो खून के साथ प्लाज्मोडियम उसके शरीर में आ जाता है। जिस कारण वह व्यक्ति संक्रमित हो जाता है। वहीं पुनः जब किसी स्वस्थ मनुष्य को वह काटता है तो वह भी मलेरिया से संक्रमित हो जाता है। इस तरह से एक मनुष्य से दूसरे मनुष्य में इसका प्रसार आसानी से हो जाता है।

कीटनाशक से उपचारित मच्छरदानी का प्रयोग अनिवार्य रूप से करना चाहिए: डॉ जेपी सिंह

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ जय प्रकाश सिंह ने बताया कि गर्भवती महिलाओं के लिए मलेरिया से बचाव करना निहायत ही जरूरी है।क्योंकि यह बीमारी उनके गर्भस्थ शिशु को भी नुकसान पहुंचा सकता है। गर्भवती महिलाओं को सोते समय कीटनाशक से उपचारित मच्छरदानी का प्रयोग अनिवार्य रूप से करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अगर कंपन के साथ सर्दी, बुखार, तेज बुखार या सर दर्द, बुखार उतरते समय बदन से पसीने का आना जैसे लक्षण हो तो तुरंत नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा या स्वास्थ्य कर्मियों से संपर्क स्थापित कर उसका उपचार शुरू करें।

बचाव के तऱीके अपनाएं:

  • अपने घर के आस.पास पानी न जमा होने दें।
  • पानी के बर्तन व टंकियों को हमेशा ढककर रखें।
  • पशु और पक्षियों के बर्तन को सप्ताह में एक बार सुखा कर इस्तेमाल करें।
  • ठहरे हुए पानी जैसे तालाब कुआं आदि में गंबूशिया मछली डालें यह मछली मलेरिया फैलाने वाले मच्छरों के लार्वा को खा जाती है।