राष्ट्रनायक न्यूज।
दिघवारा (सारण)। महुआ के फुल झड़े पलकन के छईयां, सारी रात महके बलम तोर नेहिया…सनन नन दन-दन बहेले पुरवईया… दनादन चले तरूआर घोड़वा पर बइठल कुंवर बाबू। स्वर सम्राट संतराज सिंह ””रागेश”” की सुलखनी पुण्यतिथि पर मंगलवार को पूर्वी भजन देशभक्ति की स्वर लहरियों में आदिवासी डूबते इतराते नजर आए। आमी स्थित रागेश कला संस्कृति संस्थान के तत्वाधान में आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रपति से सम्मानित संतराज सिंह रागेश के चित्र पर पुष्प अर्पित करने के साथ हुई। संगीति श्रद्धांजलि कार्यक्रम में स्वर्गीय रागेश के छोटे पुत्र दिलीप नेम सरस्वती वंदना चरण कमल उगे मन के तलईया मईया शारदा, हंसी हंसी देई वरदान से की। समारोह में शिरकत कर रहे कलाकारों में रितेश कुमार सिंह, नंदकिशोर, राजेश कुमार, शशांक कुमार सिंह ने अपनी प्रस्तुति से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया।


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