राष्ट्रनायक न्यूज

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हमें आरक्षण नहीं, कॉमन स्कूलिंग सिस्टम कानून चाहिए: जीतन राम मांझी

  • एकमा में जीतन राम मांझी बोले; हम सभी एक ही पिता मनु की हैं संतान
  • रामचरितमानस की अच्छी बातों को ग्रहण करें: पूर्व सीएम 
  • एकमा में डॉ भीमराव अंबेडकर की 132वीं जयंती पखवारा समारोह का हुआ आयोजन 
प्रो. अजीत कुमार सिंह सेंगर। राष्ट्रनायक न्यूज।
छपरा (सारण)। रविवार को एकमा प्रखंड मुख्यालय में अंबेडकरवादी स्वागत समिति के तत्वावधान में बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर की 132वीं जयंती पखवारा समारोह का आयोजन किया गया। समारोह की अध्यक्षता नगर पंचायत एकमा की मुख्य पार्षद श्वेता रानी व मंच संचालन जयराम दास व रघुवीर यादव ने किया। समारोह को संबोधित करते हुए कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व हम पार्टी के मुखिया जीतन राम मांझी ने कहा कि यदि आप सही मायने में बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर के विचारों को आत्मसात करना चाहते हैं तो सिर्फ उनकी जयंती मनाने से नहीं होगा। बल्कि आने वाले चुनाव के दौरान जो भी नेता किसी भी दल के प्रत्याशी आपके पास आपका वोट मांगने आते हैं, तो उनसे पूछिए कि क्या आपके घोषणापत्र में कॉमन स्कूलिंग सिस्टम कानून लागू करना शामिल है। क्योंकि जब तक कॉमन स्कूलिंग सिस्टम के तहत एक जज, मुख्यमंत्री, मंत्री, अधिकारी और आम जनता का बेटा-बेटी के लिए एक ही विद्यालय में एक ही तरह की शिक्षा व्यवस्था के तहत नहीं होगी। तब तक समतामूलक समाज की स्थापना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि हमें आरक्षण की आवश्यकता नहीं है। केवल कॉमन स्कूलिंग सिस्टम के माध्यम से सब कुछ हासिल किया जा सकता है। भूटान, फ्रांस आदि अन्य देशों का उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि वहां कॉमन स्कूलिंग सिस्टम लागू है। उन्होंने अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल का हवाला देते हुए कहा कि अगर 4 महीने और सीएम के पद पर रहे होते तो जून 2015 तक कॉमन स्कूलिंग सिस्टम कानून बिहार में लागू करा दिए होते। लेकिन कुछ लोगों के पेट में दर्द होने लगा कि जिस मकसद उन्होंने मुख्यमंत्री के कुर्सी पर बैठाया था, इसने तो अपने मन मुताबिक निर्णय लेने शुरू कर दिए।  उन्होंने रामचरितमानस का हवाला देते हुए कहा कि हम रामचरितमानस के विरोधी नहीं हैं। हम अपने समाज के लोगों से कहना चाहते हैं कि जिस तरह से हंस पानी और दूध से दूध को अलग कर लेता है। उसी प्रकार रामचरितमानस में जो बहुत सारी अच्छी बातें लिखी हैं, उन्हें ग्रहण कर लेना चाहिए और जो गलत बातें हो उन्हें वहीं छोड़ देना चाहिए। इसके लिए किसी भी तरह का विवाद उत्पन्न करने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने वर्ण व्यवस्था सवाल उठाते हुए कहा कि हम सभी एक ही पिता मनु की संतान हैं। वर्ण व्यवस्था मैं बंट कर समाज में नहीं बट कर समाज में मिलजुल कर रहने की आवश्यकता है।  उन्होंने कहा कि सभी लोग कहते हैं कि बाबा साहब अंबेडकर भारतीय संविधान के निर्माता थे। लेकिन मैं यह दावे के साथ कहता हूं कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर संविधान के निर्माता नहीं थे। बल्कि संविधान निर्माण के प्रारूप समिति के चेयरमैन थे। उन्हें सिर्फ जो बोला जाए उसे लिखने की जिम्मेदारी दी गई थी। लेकिन डिक्टेटर देने वाले व्यक्ति का नाम नहीं लूंगा, नहीं तो बवाल खड़ा हो जाएगा। उसे  लेकिन बाबा साहब ने अपने मन मुताबिक कुछ बातें समाज हित में समाज हित में भी लिखा है। फिर भी उन्होंने कहा कि जब संविधान को अंतिम रूप दिया जा रहा था तो बहुत कुछ बातों पर मतभेद था। उन्होंने अपनी आत्मकथा में लिखा है कि जब मैं भारतीय संविधान के प्रारूप पर अपना हस्ताक्षर कर रहा था तब मेरे आंखों से आंसू निकल रहे थे। इसके बाद 1956 में बाबा साहब ने सभी को शिक्षित होने का संदेश देकर बौद्ध धर्म ग्रहण कर लिया था। पूर्व सीएम श्री मांझी ने कहा कि संविधान कितना भी खराब हो, लेकिन संविधान चलाने वाले सही रहेंगे तो कोई काम खराब नहीं होगा। आज प्राइवेटाइजेशन के चलते हमलोगों के बच्चों की नौकरी में इसका पूरा लाभ नहीं मिल रहा है।
देश भर के विश्वविद्यालयों के अस्तित्व को बर्बाद करने पर तुली केंद्र सरकार: डॉ वीरेंद्र नारायण यादव 
वहीं विशिष्ट अतिथि सारण स्नातक एमएलसी डॉ वीरेंद्र नारायण यादव ने कहा कि भारतीय संविधान के साथ केंद्र सरकार अपनी मनमानी कर रही है। संविधान, गरीबों, दलितों, मजदूरों, आरक्षण समर्थकों का हक मारा जा रहा है। जिससे संविधान का अस्तित्व खतरे में है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार देश व राज्य के सभी विश्वविद्यालयों को बर्बाद करने पर तुली हुई है। जिससे गरीब, कमजोर व आरक्षण समर्थकों के बच्चों का पढ़ना लिखना मुश्किल हो गया है। समारोह की अध्यक्षता कर रही नगर पंचायत एकमा बाजार की मुख्य पार्षद श्वेता रानी ने आगत अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि जाति व धर्म का भेद भुलाकर और बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर व महात्मा बुद्ध के विचारों को आत्मसात करके व शिक्षित होकर समाज में सौहार्द्र व भाईचारा कायम करने की आवश्यकता है। जयंती समारोह के दौरान मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि को फूल माला और अंग वस्त्र भेंट कर आयोजन समिति के लोगों के द्वारा स्वागत और अभिनंदन किया गया। कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, हम पार्टी के महिला सेल की प्रदेश अध्यक्ष सुनीता अशोक, सारण स्नातक एमएलसी डॉ वीरेंद्र नारायण यादव, मुख्य पार्षद श्वेता रानी, उप मुख्य पार्षद राजकुमार मांझी, माकपा नेता कामरेड अरुण कुमार, पूर्व मुखिया सुंदर देव राम, विनोद सिंह कुशवाहा, दीपक राज, योगेंद्र शर्मा, राजेश कुमार, रघुवीर यादव, सुनील सिंह, विनोद कुमार, जितेंद्र मांझी, अहमद अली नेताजी, जयराम दास, गुड्डू कुमार विद्यार्थी, मुनील राम, क्लार्क कुमार, रजनीश कुमार आदि अन्य लोगों ने बाबा साहब के तैल चित्र पर अपना श्रद्धा सुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के प्रखंड मुख्यालय स्थित खेल मैदान में आयोजित कार्यक्रम स्थल पर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी पुलिस बल के साथ मुस्तैद रहे। एसडीओ सदर संजय कुमार राय, बीडीओ डॉ सत्येंद्र पाराशर, सीओ कुमारी सुषमा, एकमा थानाध्यक्ष देव कुमार तिवारी, सीएचसी के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अमित कुमार अमृत आदि अन्य कार्यक्रम स्थल पर अपनी टीम के साथ मुस्तैद रहे। वहीं एंबुलेंस, एस्कॉर्ट एवं दंगा निरोधक वाहन आदि अन्य वाहनों की तैनाती रही।

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