राष्ट्रनायक न्यूज

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जीरो डोज और नियमित टीकाकरण के सुदृढ़ीकरण को लेकर आशा और मोबलाइजर को प्रशिक्षण के लिए जिला स्तर पर प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण आयोजित

  • जिला स्तरीय पदाधिकारियों सहित डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ और यूएनडीपी के अधिकारी हुए शामिल
  • नियमित टीकाकरण के दौरान आने वाली चुनौतियों और समस्या के समाधान से संबंधित कर्मियों के साथ की गई चर्चा
  • नियमित टीकाकरण को शत प्रतिशत कराने में
    स्वास्थ्य कर्मियों का क्षमता वर्धन और कौशल विकास करना अतिआवश्यक: सिविल सर्जन
  • प्राथमिकता के आधार पर टीकों से वंचित रहने वाले बच्चों कि पहचान करना और घर तक पहुंच बनाकर नियमित टीकाकरण करना मुख्य उद्देश्य: डीआईओ

छपरा(सारण)। नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के अंतर्गत जीरो डोज वाले बच्चों की संख्या को कम से कम करने और नियमित टीकाकरण के प्रतिशत को बढ़ाने को लेकर शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बड़ा तेलपा और मासूमगंज सहित जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, प्रखंड कार्यक्रम प्रबंधक और सामुदायिक स्वास्थ्य उत्प्रेरक सहित कई अन्य जिला स्तरीय अधिकारी और कर्मियों को प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण (टीओटी) का आयोजन सदर अस्पताल परिसर स्थित जीएनएम स्कूल के सभागार में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। ताकि यह सभी अधिकारी अपने – अपने क्षेत्र की आशा फैसिलिटेटर और आशा कार्यकर्ताओं को जीरो डोज को शत प्रतिशत पूरा कर नियमित टीकाकरण अभियान को शत प्रतिशत सफल बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं। इस दौरान उपस्थित सभी अधिकारियों द्वारा जिले में नियमित टीकाकरण का प्रतिशत लगभग 89% से बढ़ाकर 95% तक लाने में अपनी सहमति जताई गई। साथ ही कार्यशाला के दौरान नियमित टीकाकरण के दौरान आने वाली परेशानियों और उसके समाधान के बारे में विस्तार से चर्चा की गई।

इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ चंदेश्वर प्रसाद सिंह, गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ भूपेंद्र कुमार, डीपीएम अरविंद कुमार, डब्ल्यूएचओ के एसएमओ डॉ रंजितेष, यूनिसेफ की एसएमसी आरती त्रिपाठी, यूएनडीपी के वीसीसीएम अंशुमान पाण्डेय और सिफार के धर्मेंद्र रस्तोगी के अलावा जिले के सभी एमओआईसी, बीएचएम और बीसीएम शामिल थे।

नियमित टीकाकरण को शत प्रतिशत कराने में
स्वास्थ्य कर्मियों का क्षमता वर्धन और कौशल विकास करना अतिआवश्यक: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा ने कहा कि नियमित टीकाकरण के प्रतिशत को शत प्रतिशत करना है। जिसको लेकर जिले के सभी प्रखंडों से आए प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, बीएचएम और बीसीएम के साथ विस्तार पूर्वक चर्चा की गई। एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला के दौरान बताया गया कि नियमित टीकाकरण के प्रतिशत को बढ़ाने के लिए स्वास्थ्य उपकेंद्र स्तर पर एएनएम और आशा कार्यकर्ताओं का नियमित रूप से बैठक और प्रखंड स्तर से नियमित रूप से अनुश्रवण और मूल्यांकन कर ड्यू लिस्ट की गहनता पूर्वक जांच करना है। क्योंकि नियमित रूप से निगरानी करने के बाद ही नियमित टीकाकरण के प्रतिशत को आगे बढ़ाया जा सकता है। इसके लिए स्वास्थ्य संस्थान स्तर पर माइक्रो प्लान के साथ ही स्वास्थ्य कर्मियों का क्षमता निर्माण और कौशल विकास करना भी अतिआवश्यक है। जिसको लिए जीरो डोज और नियमित टीकाकरण के सुदृढ़ीकरण को लेकर आशा और मोबलाइजर के प्रशिक्षण के लिए जिला स्तर पर प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण का आयोजन किया गया।

प्राथमिकता के आधार पर टीकों से वंचित रहने वाले बच्चों कि पहचान करना और घर तक पहुंच बनाकर नियमित टीकाकरण करना मुख्य उद्देश्य: डीआईओ
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ चंदेश्वर प्रसाद सिंह ने प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण (टीओटी) को संबोधित करते हुए कहा कि रूटीन इम्यूनाइजेशन एजेंडा- 2030 के अनुसार जीरो डोज वाले बच्चों कि संख्या को कम से कम करने और इसके लिए प्रत्येक लाभार्थियों तक पहुंच और सभी बच्चों का शत प्रतिशत टीकाकरण किस प्रकार से किया जाए, इसको लेकर स्वस्थ विभाग की ओर से आशा फेसिलेटेटर सहित कई अन्य कर्मियों के साथ यह कार्यशाला आयोजित की गई है। उन्होंने यह भी बताया कि जीरो डोज वाले बच्चा से तात्पर्य यह है कि वैसे बच्चे जो क्षेत्र के विभिन्न चयनित टीकाकारण सत्र स्थलों तक नहीं पहुंच पाते हैं। हालांकि यह वहीं बच्चे हैं जो नवजात शिशु होते हैं जिन्हें पेंटावेलेंट की पहली खुराक 6 सप्ताह की उम्र में दी जाती है, लेकिन किसी कारणवश नहीं ले पाते हैं। क्योंकि ऐसे बच्चे आगे चलकर सभी टीकों से वंचित रह जाते हैं। उन बच्चों कि पहचान करना, उनके घर तक पहुंचना और उनको भी नियमित टीकाकरण से आच्छादित करना है।