- पोर्टल के माध्यम से दवा की उपलब्धता की हो रही है ऑनलाइन ट्रैकिंग
- ग्रामीण स्तर पर स्वास्थ्य केंद्रों में दवा उपलब्ध कराने के लिए विभाग संकल्पित
छपरा(सारण)। समुदाय के अंतिम पंक्ति के लोगों तक स्वास्थ्य सेवाओं को पहुंचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग तत्पर है। सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में इलाज के साथ-साथ मरीजों को ससमय दवा भी उपलब्ध हो इसके लिए विभाग पूरी तरह से सजग है। सदर अस्पताल से लेकर जिले के ग्रामीण स्तर तक के अस्पतालों में दवाओं की निर्बाध रूप से आपूर्ति और उपलब्धता को सुनिश्चित किया जा रहा है, ताकि मरीजों को बाहर की दवा नहीं खरीदना पड़े। इसको लेकर विभागीय स्तर पर तमाम प्रयास किया जा रहा है। सूबे के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने यह आदेश दिया है कि जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में लिस्ट में शामिल सभी दवाओं की उपलब्धता और आपूर्ति सुनिश्चित की जाये, ताकि मरीजों को किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हो। विभाग ने सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में दवाओं की निर्बाध आपूर्ति और उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैं, ताकि मरीजों को दवाओं के लिए बाहर की दुकानों पर निर्भर न रहना पड़े। इससे मरीजों को किसी भी तरह की दवा की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा और उन्हें समय पर इलाज मिल सकेगा।
दवाओं की ऑनलाइन ट्रैकिंग प्रणाली
स्वास्थ्य विभाग ने दवाओं की उपलब्धता की निगरानी के लिए एक आधुनिक पोर्टल तैयार किया है डीभीडीएमएस और ईएमएमएस पोर्टल के माध्यम से जिला से प्रखंड स्तर पर दवाओं के स्टॉक की स्थिति को वास्तविक समय में ट्रैक किया जाता है। यह प्रणाली दवाओं की मांग और आपूर्ति की नियमित निगरानी सुनिश्चित करती है, जिससे किसी भी दवा की कमी को त्वरित रूप से पहचानकर उसे पूरा किया जा सके।
सभी स्वास्थ्य संस्थानों में दवाओं की उपलब्धता
सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल ने बताया कि बताया कि सीएचसी-पीएचसी के आउटडोर व इनडोर में 309 प्रकार की दवाएं जबकि अनुमंडलीय अस्पताल में 312 तरह की दवाएं राज्य स्वास्थ्य समिति की ओर से उपलब्ध कराई जाती है। स्वास्थ्य विभाग ने यह सुनिश्चित किया है कि जिले के सभी सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में दवाओं की सही मात्रा और गुणवत्ता उपलब्ध हो। इसके लिए दवाओं की नियमित आपूर्ति, स्टॉक की निगरानी और आपातकालीन स्थितियों में त्वरित व्यवस्था की गई है। विभाग ने दवाओं के प्रबंधन और वितरण की प्रक्रिया को और भी सशक्त बनाने के लिए कई सुधारात्मक उपाय किए हैं। इस पहल का उद्देश्य समुदाय के अंतिम पंक्ति के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है। विभाग का मानना है कि यदि मरीजों को समय पर दवा उपलब्ध होगी, तो इससे न केवल उनकी स्वास्थ्य स्थिति में सुधार होगा, बल्कि स्वास्थ्य सेवा पर उनका विश्वास भी बढ़ेगा।
स्वास्थ्य विभाग की इस नई पहल से यह स्पष्ट होता है कि सरकार स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और पहुंच को सुधारने के लिए कितनी गंभीर है। इस प्रयास से मरीजों को बेहतर और प्रभावी स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकेंगी और सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों पर उनका विश्वास मजबूत होगा।
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