नहीं रहे राजनीति के पुरोधा कहे जाने वाले कैलाशपति
बनियापुर(सारण)।पांच दशक तक राजनीति में सक्रिय और गवंही राजनीति की गुरु कहे जाने वाले कैलाशपति सिंह की मृत्यु बुधवार को उनके कल्याणपुर निवास पर हो गई.वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे. कैलाशपति सिंह की मृत्यु की खबर से लोग काफी दुखी हैं. बताया जाता है कि कैलाशपति सिंह जनसेवा के लिए हमेशा तत्पर रहते थे.जनसेवा की इसी आकांक्षा को पूरा करने के लिए श्री सिंह ने पच्चास की दशक में चलती वकालात को अलविदा कह पंचायत चुनाव में कूद पड़े. उस समय वह एलएलबी की पढ़ाई कर अपना वकालत शुरू किया था. इन्ही दिनों गांव के लोग और गांव की विकास के लिए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की बिगुल बजी थी. श्री सिंह चुनाव मैदान में कूद पड़े. वे मनोपाली पंचायत से चुनाव जीत कर मुखिया बने थे. उनके मुखिया बनने के बाद बड़े जनप्रतिनिधियों व नेताओ का अनाजाना लगा रहा. 34 वर्षो तक वे मुखिया पद पर बने रहे. उस समय मानोपाली और सिसई दोनो एक ही पंचायत के अंर्तगत आता था. श्री सिंह का चयन दारोगा पद पर भी हुआ था लेकिन उन्होंने जनसेवा को छोड़ कहीं अन्य सेवाओ में योगदान देना मुनासिब नहीं समझा. श्री सिंह धवरी पंचायत के समिति पद पर भी निर्वाचित होकर सेवा दी थी.वर्ष 2006 में वे जिलापार्षद भाग तीन से पार्षद पद पर चुनाव जीत जनता की सेवा की. राजनीत में दागी प्रत्याशियों व दबंगो की दखल के बाद 2011 में वे चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया. तब से अब तक बिना किसी राजनीतिक पद पर बने जनता की सेवा में जूटे रहे. पिछले एक साल से वे बीमार चल रहे थे. जिनका इलाज जारी था.श्री सिंह के मृत्यु पर महाराजगंज सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल, भाजपा के वरीय नेता अजित सिंह, जिलापार्षद पुरुषोत्तम सिंह, राजद प्रखण्ड अध्यक्ष बनियापुर उमाशंकर साह, नन्द कुमार सिंह काका, स्थानीय मुखिया कुमुद देवी, मंगलभूषण सिंह, धवरी पैक्स अध्यक्ष दिलीप राय, छोटे सिंह, बीरू सिंह सहित दर्जनों ने शोक व्यक्त किया। श्री सिंह की मृत्यु को अपूरणीय क्षति बताया गया.


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