कृषि उद्यमियों को कम ब्जाय पर मिलेगा ऋण
राष्ट्रनायक प्रतिनिधि।
छपरा (सारण)। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार, कृषि विभाग, बिहार सरकार और राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा सारण जिले में चलायी जा रही कृषि आधारभूत संरचना निधि योजना के अंतर्गत जिला स्तरीय अनुश्रवण समिति (डीएलएमसी) की बैठक जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन की अध्यक्षता में उनके कार्यालय कक्ष में सम्पन्न हुई। इस बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि कृषि आधारभूत संरचना निधि के अंतर्गत प्राथमिक प्रसंस्करण केंद्र, गोदाम, शीत श्रृंखला (कोल्ड चेन) ई-मार्केटिंग प्लैटफार्म, आपूर्ति श्रृंखला और अन्य संबन्धित कार्यकर्मों के लिए वित्तीय सुविध मुहैया कराई जाएगी। इस फंड से खेती से जुडे प्रोजेक्ट्स पर काम किया जाएगा। इस फंड को जारी करने का उद्देश्य गांवों में निजी निवेष और नौकरियों को बढ़ावा देना है।
जिलाधिकारी ने कहा कि इस योजना के तहत बैंकों और वित्तीय संस्थानों की ओर से बिहार के लिए 3980 करोड़ रूपए का ऋण विभिन्न चरणों में दिया जाएगा। यह ऋण प्राथमिक कृषि साख समिति (पैक्स), किसान उत्पादक संगठनों, कृषि उद्यमियांे, विपणन सहकारी समिति, स्थानीय निकाय, स्टार्टअप्स और एग्रीटेक प्लेयर्स को दिया जाएगा। इस सुविधा के तहत लोन पर सालाना व्याज में 3 फीसदी छूट और ऋण गारंटी भी दी जाएगी। यह छूट अधिकतम 2 करोड़ रूपए तक के लोन पर होगी। ब्याज छूट का लाभ ज्यादा से ज्यादा 7 साल तक मिलेगा।
इस बैठक में यह भी चर्चा हुई कि पैक्स को 4 प्रतिशत ब्याज दर पर (नावार्ड की 3 प्रतिशत ब्याज पर पुनर्वित सूविधा के कारण) फसल कटाई के बाद के आधारभूत संरचनाओं एवं सामाजिक कृषि से जुड़ी संरचनाओं के लिए ऋण उपलब्ध कराया जा सकता है और इसमें भारत सरकार के 3 प्रतिषत ब्याज अनुदान के बाद पैक्स को यह ऋण 1 प्रतिशत की ब्याज दर पर उपलब्ध हो सकता है। जिलाधिकारी, द्वारा बैंको को यथा शीघ्र लक्ष्य प्राप्ति का निर्देष दिया गया।
जिला विकास प्रबंधक, नाबार्ड, सारण द्वारा एफपीओ योजना के संबंध में यह बताया गया कि देश में 10000 कृषि उत्पादक समूह का गठन एवं संवर्धन अगले 5 वर्ष तक इस योजना में किया है। उन्होंने इस योजना से संबंधित विस्तृत रूप रेखा, अनुदान की राशि, इक्विटी, ऋण गारंटी, अत्याधिक संबंध में सदस्यों को अवगत कराया साथ में यह भी बताया गया कि प्रत्येक इक्विटी का अनुदान सहायता ग्रुप में अधिकतम रू 18 लाख या वास्तविक खर्च जो भी कम हो उपलब्ध कराया जाएगा। प्रत्येक एपीओ को इक्विटी अनुदान ग्रुप में दो हजार रूपए प्रति सदस्य या अधिकतम 15 लाख रूपय जो भी कम उपलब्ध कराया जाएगा। प्रत्येक एफपीओ को अधिकतम रूपए 2 करोड़ के परियोजना लागत पर क्रेडिट गारंटी की भी सुविधा दी जाएगी।
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