घर लौट कर आये ग्रामीणों पर फिर टूटा बाढ़ का कहर
- एस एच 104 अमनौर -तरैया,व अमनौर – भेल्दी पथ पर फिर चढा एक फिट पानी
नीरज कुमार की रिर्पोट। राष्ट्रनायक प्रतिनिधि।
अमनौर (सारण)। तीन दिनों से लगातार हो रहे भीषण वर्षा के कारण, कई गांव में घर लौट कर आये ग्रामीणों पर फिर टूटा बाढ़ का कहर। अमनौर से गुजरने वाली मही नदी उफान पर है।नदियों के पानी निचले इलाके में फैल चुका है, सड़क से उतरी हुई पानी भी सड़क के ऊपर से बहने लगा है।एस एच 104 अमनौर तरैया एवं अमनौरभेलदी सड़क के ऊपर से एक फिट पानी बह रही है।जिरात,अमनौर जान,मनोरपुर झखरी,बंदे,गांव में पुनः पानी भर गया है,ग्रामीण घर से निकलकर उच्चे स्थल की तलाश में है।वही देवा पुर रिंग बांध टूटने से लोगो मे खलबली मची हुई है की कहि फिर तबाही का मंजर देखना न पड़े।
बाढ़ के पानी से पहले से ही कई गांव के सड़के गड्ढे में तब्दील हो चुका है। गुना छपरा,बगही,कुआरी,बसन्तपुर के लोगो को अमनौर आना जाना मुश्किल बना हुआ है।बिजली के लुकाछिपी के खेल से और जनता बेहाल है।ग्रामीणों ने अपने दर्द बयां करते हुए कहा कि आये बाढ़ के पानी से कई लोगो के झोपड़ी,बेढी, सैकड़ो एकड़ में लगी किसानों के फसल,आम लीची,कटहल,सागवान,के बागवानी नष्ट हो चुका है।कई मछुवारे लाखो रुपये लगाकर तालाब में मछली के जीरा डाले हुए थे,बाढ़ के पानी मे सब मछलियां भाग गई।निजी शिक्षण संस्थान केशिक्षको ने बताया कि चार पांच माह से शिक्षण संस्थान बन्द है,भवन स्टाप खर्च लग रहा है,जीवन नर्क बन गया है।चारा के अभाव में किसान औने पौने दाम में मवेशी बेच दिए,जो मवेशी रखे हुए है,15 सौ रुपये क्यूनटल भूषा खरीदकर मवेशियों को खिला रहे है।कई लोगो का कहना है कि अभी अभी सम्बन्धी के घर से लौट के आये है,फिर बाढ़ के पानी आ रही है अब कहा जाएंगे,रोजगार व भोजन दोनों के अभाव बना हुआ है।अभी तक कई लोगो के जीआर के पैसे तक नही आया है। 1, अमनौर तरैया पथ पर लगा पानी, 2, अमनौर जिरात गांव तीन माह से बाढ़ के पानी मे डूबा हुआ है।


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