मुंह के कैंसर में सीएम चिकित्सा कोष से पीड़ित को 80 हजार रूपये मुआवजा दिलवाकर राजनीतिक दल के नेता कर रहे है वाह-वाही
छपरा(सारण)। जिले के मढ़ौरा प्रखंड के तेजपुरवा पंचायत के चैनपुर निवासी राजकुमार प्रसाद के पुत्र राजू प्रसाद दास को मुंह के जीभ में कैंसर हो गया है। जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। कैंसर के इलाज में होने वाले खर्च सुनकर लोगों काफी आश्चर्य कर रहे है। ऐसे में कैंसर के मरीज जीवन एवं मृत्यू से जुझ रहे है। लेकिन कैंसर का बेहतर अस्पताल में ईलाज कराने के लिए बेहतर अस्पताल में ईलाज कराने की बजाय अब राजनीति शुरू हो गया है। कुछ राजनीतिक दलों के नेता भी अपनी सस्ती लोकप्रियता लेने में लगे हुए है। मिली जानकारी के अनुसार बिहार के मुख्यमंत्री द्वारा गंभीर रोग से ग्रस्त लोगों के इलाज के लिए चिकित्सा कोष संचालित किया जा रहा है। जहां गंभीर बीमारी से ग्रस्त लोगों के लिए नि:शुल्क चिकित्सा मुआवजा राशि उपलब्ध कराया जा रहा है। इस राशि के मुहैया कराने को लेकर भी राजनीति होने लगी है। सरकार के हमदर्द यानी कुछ राजनैतिक लोग राशि मुहैया होने के बाद गंभीर बीमारी से ग्रस्त परिजन को अनुदान राशि के मंजूरी का पत्र सौप कर राजनीतिक रोटी सेंकने में जुटे है। जो समाजिक लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है। वहीं कई बुद्धिजीवी लोगों का कहना है कि आज के भौतिकवादी युग में लोग अपने स्वार्थ के लिए किसी को मदद कर राजनीतिक रूप से भंजा रहे है। जो सभ्य समाज के लिए काफी दुखदायी है।
असाथ्य रोगों के इलाज के लिए सरकार देती है अनुदान
मुख्यमंत्री चिकित्सा अनुदान के लिए न्यूनतम आवश्यक योग्यता
- रोगी बिहार का नागरिक होना अनिवार्य
- रोगी की प्रति वर्ष आय एक लाख रुपये से कम हो
- रोगों से संबंधित इलाज राज्य सरकार के अस्पताल एवं सीजीएचएस से मान्यता प्राप्त सभी अस्पताल में हो।
- सक्षम प्राधिकार द्वारा निर्गत आवास प्रमाण पत्र
- डीएम, एसडीओ या अंचलाधिकारी से निर्गत आय प्रमाणपत्र
- राज्य सरकार के अस्पताल या सीजीएचएस से मान्यता प्राप्त अस्पताल के इलाज का पुरजा और मूल अनुमानित राशि।
यह भी ध्यान रखें : ऐसे इन कागजातों के साथ आवेदक को निदेशक प्रमुख, स्वास्थ्य सेवाएं, बिहार को अनुदान के लिए आवेदन समर्पित करना होगा। निदेशक प्रमुख की अध्यक्षता में गठित कमेटी द्वारा आवेदक को निर्धारित तिथि को बुलाया जायेगा। आवेदक के कागजातों और साक्ष्यों की जांच के बाद अनुदान की राशि जारी कर दी जायेगी है। राज्य के अंदर इलाज कराने वाले मरीजों के लिए अलग राशि निर्धारित है जबकि राज्य के बाहर इलाज करानेवालों के लिए अलग दर निर्धारित है। एक प्रकार के रोग में अलग-अलग इलाज के लिए भी भिन्न भिन्न राशि निर्धारित की गयी है।


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