सारण में बाढ़ रिटर्न: कम हो रहा है पानी लेकिन बरकरार है परेशानी
राष्ट्रनायक प्रतिनिधि।
पानापुर (सारण)। लगभग एक माह तक बाढ़ की विभीषिका झेल चुके प्रखण्डवासियों पर बाढ़ एक बार फिर कहर बन कर टूट पड़ा है। गत सप्ताह गंडक के जलग्रहण क्षेत्रों में हुई भारी बारिश एवं नेपाल द्वारा वाल्मीकिनगर बराज से भरी मात्रा में पानी छोड़े जाने से गोपालगंज के पकहा में टूटे सारण तटबंध के कारण प्रखंड में बाढ़ ने एक बार फिर कहर बरपाना शुरू कर दिया है। हालांकि मंगलवार की देर शाम से गंडक नदी के जलस्तर में भारी गिरावट के कारण बाढ़ का पानी तेजी से कम हो रहा है। लेकिन बाढ़पीड़ितों की समस्या जस की तस बनी हुई है। प्रखंड मुख्यालय से सतजोड़ा ,भोरहा ,मोरिया आदि गांवों को जानेवाली सड़को पर अभी भी पानी बह रहा है जिससे आवागमन अभी भी बाधित है। यातायात सुविधा बहाल नहीं होने से ऊंचे स्थानो एवं घरों में फंसे लोगो के समक्ष भुखमरी की समस्या बनी हुई है। खाशकर मवेशियों के लिए चारे की समस्या विकट बन गयी है। प्रशासनिक उदासीनता एवं आचार संहिता लागू होने के कारण बाढ़पीड़ितों की व्यथा एवं पीड़ा सुननेवाला कोई नहीं है। प्रशासनिक पदाधिकारी एक दो दिनों में पानी उतर जाने की बात कह कर अपना पल्ला झाड़ दे रहे है। लेकिन सच्चाई यही है कि विस्थापितों को अपने घरों को लौटने में अभी हफ़्तों लगेंगे। ऐसे में खानाबदोश का जीवन यापन कर रहे लोगों की जिंदगानी अब भगवान भरोसे है।


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