साहब हमारे लिए भी कोई नियम बना दो, हमें चुनाव नहीं बाढ़ में सहायता की जरूरत है: बाढ़ पीड़ितों का दर्द
- आचार संहिता लगते ही बाढ़ पीड़ितों की मदद को नहीं दिख रहे जनप्रतिनिधि
राष्ट्रनायक प्रतिनिधि।
तरैया (सारण)। प्रखंड क्षेत्र में पुनः दूसरी बार आयी बाढ़ ने लोगों को उनके हाल में जीने को मजबूर कर दिया है, बाढ़ पीड़ितों का दर्द सुनकर सबकी आंखें नम हो जा रही है। बाढ़ पीड़ित एक ही बात कह रहे हैं कि साहब हमारे लिए भी कोई नियम बना दो, हमें चुनाव नहीं सहायता की जरूरत है। यह हाल इसलिए है कि बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर पूरे बिहार में आचार संहिता लग गई है। जिसको लेकर क्षेत्रों में जनप्रतिनिधियों व नेताओं का जनसंपर्क और दौरे खत्म हो गई है। वहीं गंडक बराज से भारी मात्रा में छोड़े गए पानी की वजह से सारण तटबंध एक बार पुनः टूट गया। जिससे पानापुर, तरैया, मसरख, अमनौर समेत आसपास के इलाकों में बाढ़ का पानी फिर एक बार प्रवेश कर गया है। पिछली बार बाढ़ में जनप्रतिनिधि व स्थानीय प्रशासन पूरी मुस्तैदी के साथ बाढ़ पीड़ितों की मदद व सहयोग करने में लगा हुआ थे। लेकिन आचार संहिता लगते ही न तो क्षेत्र में जनप्रतिनिधि दिख रहे हैं और न ही कोई सरकारी अधिकारी। बाढ़ पीड़ित अपने हाल में जीने को मजबूर हैं। वह अब सरकारी व्यवस्था को भगवान भरोसे देख रहे हैं। अबतक तरैया में बाढ़ पीड़ितों के बीच सरकारी व्यवस्था के नाम पर कुछ भी नहीं दिख रहा है। लोग प्राइवेट नाव के सहारे आने जाने व ऊंचे स्थानों पर शरण ले रहे हैं। वहीं बाढ़ पीड़ित एक बार पुनः सरकारी अनुदान के लिए टुकटुकी लगाये हुए बैठे हैं कि उन्हें सरकारी स्तर पर कुछ सहायता हो जाये तो उनकी मुश्किलें कुछ कम हो जाती। बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि पिछली बार बाढ़ ने उनका सब कुछ छीन लिया। विस्थापित होकर जैसे तैसे ऊंचे स्थानों पर शरण लेकर रह रहे लोग बाढ़ खत्म होते ही अपने घर बार को लौटे और एक बार पुनः जिंदगी को पटरी पर लाने की कोशिश कर ही रहे थे कि दूसरी बार बाढ़ ने आकर उन्हें उनके हाल में झकझोर दिया। बाढ़ पीड़ित अंदर ही अंदर अपने आपको कोसते हुए मुश्किल भरी निगाहों से ईश्वर को याद कर यही कह रहे हैं कि हे-प्रभु हमारी मदद करो। तरैया क्षेत्रों में की गई सरकारी व्यवस्था के बारे में तरैया अंचलाधिकारी सुश्री अंकु गुप्ता से पूछने पर उन्होंने बताई की प्रखंड में बाढ़ को लेकर फिलहाल 25 नाव की व्यवस्था की गई है। जिसके सहारे लोगों को ऊंचे स्थानों पर भेजने का कार्य किया जा रहा है। जीआर राशि के संबंध में पूछने पर उन्होंने बताई कि पच्चीस हजार लाभुकों में से 21 हजार लाभुकों के खाते में जीआर की राशि भेजी जा चुकी है। वंचित शेष लाभुकों को चुनाव बाद जीआर की राशि भेजी जायेगी। बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर आचार संहिता लगा हुआ है। अगर वरीय पदाधिकारियों को जीआर राशि से सम्बंधित कोई दिशा-निर्देश प्राप्त होता है तो उस पर कार्य किया जायेगा।


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