राष्ट्रनायक न्यूज

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मशरक: कैसे सुधरे स्वास्थ्य व्यवस्था, चिकित्सक ही नहीं है पीएचसी में

कैसे सुधरे स्वास्थ्य व्यवस्था, चिकित्सक ही नहीं है पीएचसी में

  • एक चिकित्सक के भरोसे चलता है प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र

पंकज कुमार सिंह की रिर्पोट। राष्ट्रनायक प्रतिनिधि।

मशरक (सारण)।  प्रखंड मुख्यालय अवस्थित पीएचसी स्वास्थ्य सेवाओं में आज कल अपनी दुर्दशा पर रो रहा है। सुविधाओं की कमी तो पहले से आम जनता परेशान थी ही अब चिकित्सों की कमी से गंभीर स्थिति में जूझ रहा है। पीएचसी में 10 चिकित्सकों का पद सृजित है पर यहां तीन पुरूष और एक महिला चिकित्सक की प्रतिनियुक्ति थी पर दो चिकित्सक डॉ चन्द्रशेखर सिंह और डॉ कविता सिंह की विभागीय नियुक्ति नलांदा और वैशाली जिले में हो गया। वही अब पीएचसी प्रभारी चिकित्सक और एक डेन्टल के ही भरोसे चल रहा हैं। पीएचसी में सरकार द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं की राष्ट्रीय कार्यक्रम चलती रहतीं हैं जिसके चलतें प्रभारी चिकित्सक को पीएचसी में आएं रोगियों को देखने भर की फुर्सत नहीं रहती है। प्रतिदिन पीएचसी में इलाज के लिए आये मरीज बेहतर इलाज से वंचित होकर निजी क्लीनिक के तरफ रूख कर रहें हैं।वही पीएचसी प्रभारी और डेन्टल चिकित्सक के बीमार होने पर चिकित्सकों द्वारा स्वास्थ्य लाभ लिया जा रहा है जिससे पीएचसी में अधिकांश सेवाएं ठप्प पड़ीं हुई है। मंगलवार को तो लगभग लगभग स्वास्थ्य सेवा ठप्प रही वही बुधवार को एक आरबीएस चिकित्सक के भरोसे ही ओपीडी सेवा चालू रही।

महिला चिकित्सक का घोर अभाव

पीएचसी मशरक में महिला चिकित्सक की प्रतिनियुक्ति नही होने से महिला रोगियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पीएचसी में ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को शर्मिंदगी महसूस कर पुरूष चिकित्सक से इलाज करना पड़ रहा है। पीएचसी में प्रतिमाह दो सौ से ज्यादा महिलाओं की डिलेवरी होती है जो महिला चिकित्सक की बिना देख रेख में ही होती है।वही प्रधानमंत्री मातृत्व अभियान के तहत पीएचसी में आयी गर्भवती महिला चिकित्सक के अभाव में इलाज से वंचित हो जाती है। वही महिला चिकित्सक के नही रहने से प्रसव के लिए आयी गर्भवती महिला को सदर अस्पताल रेफर कर दिया जाता है।

चिकित्सक समेत कर्मचारियों का हैं घोर अभाव

मशरक पीएचसी में चिकित्सकों का घोर अभाव यहां के लोगों के स्वास्थ्य सेवाओं की कमी का मुख्य कारण है। पीएचसी में 10 चिकित्सकों का पद सृजित है पर एक एमबीबीएस और एक डेंटिस्ट की ही प्रतिनियुक्ति हैं। कम्पाउडर, ड्रेसर,ओटी असिस्टेंट का पद तो कितनों वर्षों से खाली पड़ा हुआ है। वही डेन्टल चिकित्सक की प्रतिनियुक्ति हुई है पर डेंटिस्ट के लिए उपेक्षित उपकरण नहीं होने के कारण मरीजों का उपचार नहीं हो पाता है वही चिकित्सक ओपीडी में ड्यूटी कर चलें जातें हैं।

डिजीटल एक्स-रे, एम्बुलेंस और अल्ट्रासाउंड मशीन का हैं अभाव

मशरक पीएचसी में स्वास्थय सुविधाओं से जुड़ीं महत्वपूर्ण सामानों का घोर अभाव बना हुआ है। डिजीटल एक्स-रे, एम्बुलेंस और अल्ट्रासाउंड मशीन के अभाव में लोगों को निजी क्लीनिक के तरफ रूख करना पड़ता है।वही प्रधानमंत्री मातृत्व सुरक्षा अभियान योजना में गर्भवती महिला की जांच में अल्ट्रासाउंड मशीन नही होने से गरीब तबके की महिलाओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। पीएचसी में एक एम्बुलेंस की सुविधा सरकार द्वारा उपलब्ध करायी गई है जो गर्भवती महिलाओं को ही घरों से लाने और डिलेवरी के बाद घर तक पहुंचाने के काम में लगी रहती है। वही पीएचसी के पोषक क्षेत्र से तीन हाइवे सड़क गुजरती है जिसपर प्रतिदिन दुर्घटना होती रहती है जिसमें घायलों को बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल भेजने में एम्बुलेंस के अभाव में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।