कविता: गांधी जैसा हर कोई जो चलने लग जाए
जब देश गुलामी पर जकड़ा
महिलाओं पर अत्याचार हुए ।
तब गांधी ने आवाज़ उठाई
जब भारत मां पर वार हुए ।।
थक गए गोरे, रंग बदलकर
नए नए तैयार हुए ।
गांधी के सम्मुख गोरों के
सब सपने बेकार हुए ।।
सत्य अहिंसा के दीपक सदा जलाए जाएंगे ।
संसद की दीवारों पर उनके चित्र लगाएं जाएंगे ।।
कितना भी बदनाम करे कोई देश के संत गांधी को।
फिर भी इस भारत भूमि में, यस गांधी के गाए जाएंगे ।।
लाल किले में गांधी की
तस्वीर लगाई जाएगी ।
आंदोलन की बाते भी
सदा बताई जाएंगी ।।
कैसे एक कमजोर व्यक्ति
दुश्मन पर भारी पड़ता है ।
ये दुनिया भर को सदा
सीख सिखलाई जाएगी ।।
भारत में जन्मा ये वीर, इसका अभिमान रहेगा ।
गांधी का सदियों तक, सदा सम्मान रहेगा ।।
गांधी जैसा हर कोई जो चलने लग जाए ।
सच कहता हूं देश, सदा खुशहाल रहेगा ।।
लेखक एवं कवि
जीतेन्द्र कानपुरी (टैटू वाले)


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