एक हफ्ते में 87 हजार बिहारी घर लौटे,बड़ी चुनौती,कैसे होगा इनका टेस्ट? समझिये और बचिये
कोरोना के खौफ से पूरी दुनिया त्राहिमाम कर रही है ।भारत में भी कोरोना ने तकरीबन 27 राज्यों में अपना कहर मचा रखा है। प्रधानमंत्री के द्वारा पूरे देश में किए गए लॉक डाउन का असर भी देखने को मिल रहा है। देश के करीब करीब लोग अपने-अपने घरों की तरफ रवाना हो गए हैं। खासकर बिहार से बाहर रहने वाले लोगों की बड़ी जनसंख्या पिछले 1 हफ्ते में अपने घर आ गई है। कुछ रास्ते में हैं ।अभी तक के आंकड़े बता रहे हैं कि पिछले हफ्ते 87000 बिहारियों ने घर वापसी की है। इसमें अधिकांश इसमें से अधिकांश ऐसे हैं जो कोरोना वायरस पीड़ित राज्यों से वापस लौटे हैं। सरकार के सामने बड़ी चुनौती है कि आखिर इन का टेस्ट कैसे करवाया जाए। 87 हजार बिहारी लौटे,इनमे से बड़ी संख्या कोरोना पीड़ित राज्यों से लौटने वालों की
कोरोना के डर से 87 हजार बिहारी अपने घर वापस लौट चुके हैं। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री के द्वारा जनता कर्फ्यू लगाने के बाद महाराष्ट्र से लेकर दिल्ली तक विशेष ट्रेनों के द्वारा बिहारियों को घर भेजा गया ।कल अंतिम ट्रेन कल अंतिम विशेष ट्रेन 236 यात्रियों को लेकर बिहार लौटा। सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है की कोरोना वायरस स्टेट से लौटे लोगों आखिर टेस्ट कैसे करवाया जाए। पूरे बिहार में कोरोना का सिर्फ एक ही टेस्टिंग प्लेटफार्म है वह है आर एम आर आई । हालांकि इसीलिए बिहार सरकार के द्वारा नागरिकों को रिलीफ देने के लिए कई कदम उठाए गए हैं बिहार से बाहर बसे बिहारियों के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है इतना ही नहीं बिहार के मुख्यमंत्री ने 100 करोड़ की राशि भी बिहारियों के सहायता के लिए जारी की है लेकिन बड़ा सवाल यह है कि 87000 की बड़ी संख्या में बाहर से लौटे बिहारियों का टेस्ट कैसे होगा? वही खबर अब यह भी आ रही है कि गांव वालों के द्वारा बाहर रह रहे बिहारियों के गांव आने पर सबसे पहले उन्हें गांव के स्कूल में रखा जाएगा। फिर उनकी तीसरी जाएगी उसके बाद ही गांव में एंट्री मिलेगी।


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