कविता गीत: मां से बड़ा न कोई किरदार
मां की ममता मां का प्यार ।
मां से बड़ा न कोई किरदार ।।
मां जिन बच्चों के होती नहीं ।
उन बच्चों का जीवन बेकार ।
मां की ममता मां का प्यार
मां से बड़ा न कोई किरदार…. 2
मां जो होती तो बच्चे सब
सब के सब आराम से सोते ।
नहीं बिलखते ,नहीं तड़पते
न वो अकेले छुप कर रोते ।।
सुनते है सबकी ललकार ।
बिन मां के होता यही हाल ।…..
मां की ममता मां का प्यार ।
मां से बड़ा न कोई किरदार ।।
मां की ममता मां का प्यार ।
मां से बड़ा न कोई किरदार ।।
मां जिन बच्चों के होती नहीं ।
उन बच्चों का जीवन बेकार ।
बच्चे वो अब क्या बोलें ।
और किससे कितना बोलें ।।
जब उनका कोई खास नहीं ।
किसके लिए वो मुंह खोले ।।
मिल जाता जो तनिक दुलार ।
सपना हो जाता साकार ।।……
मां की ममता मां का प्यार ।
मां से बड़ा न कोई किरदार ।।
मां की ममता मां का प्यार ।
मां से बड़ा न कोई किरदार ।।
मां जिन बच्चों के होती नहीं ।
उन बच्चों का जीवन बेकार ।।
लेखक एवं राष्ट्रीय कवि –
जीतेन्द्र कानपुरी (टैटू वाले)
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