बाढ़ अनुदान राशि के लिए महिलाओं ने सीओ को पीटा, बाढ़ राहत में 6 हजार भुगतान के लिए 2 हजार नजराना मांगने पर महिलाओं ने उतारा गुस्सा
- छपरा के अमनौर थाना के पास महिलाओं ने बाढ़ राहत राशि के लिए सीओ को घेरा
- अमनौर अंचल कार्यालय में आक्रोशित लोगों ने 2 घंटे तक किया हंगामा
छपरा(सारण)। जिले के अमनौर प्रखंड में बाढ़ राहत अनुदान राशि के लिए महिलाओं ने अंचलाधिकारी को चप्पल से पीटा है। मिली जानकारी के अनुसार प्रखंड के कोरिया पंचायत के सैकड़ों महिला-पुरूषों ने बाढ़ राहत अनुदान राशि के लिए सोमवार को अमनौर प्रखंड मुख्यालय पर धरना-पदर्शन करने जा रहे थे, इसी दौरान अमनौर सीओ रास्ते से होकर गुजर रहे थे। महिलाओं ने अमनौर थाने के पास घेर लिया और उसके बाद चप्पल और थप्पड़ बरसाने लगीं। कुछ ने तो डंडे भी चलाये है। हांलाकि अमनौर थानाध्यक्ष मौके पर पहुंचकर सीओ को बचाया और उन्हें अंचल कार्यालय ले गये। बताया जा रहा है कि बीच-बचाव में अमनौर थानाध्यक्ष को भी चोटें आयी है।
बाढ़ राहत केलिए प्रखंड मुख्यालय का चक्कर लगा रहे थे लोग
बाढ़ राहत अनुदान राशि नहीं मिलने पर लोगों में आक्रोश इतना ज्यादा था कि सीओ को खदेड़ते हुए अंचल कार्यालय पहुंच गये। वाहां पर घंटों हंगामा किया। इन लोगों का कहना था कि बाढ़ा के दौरान उनके घर का समान बर्बाद हो गया। बाढ़ राहत के लिए उन लोगों से आवेदन भी जमा लिया गया। लेकिन पैसा नहीं दिया गया। पैसा भुगतान करने के लिए प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगा रहे थे, लेकिन किसी ने नहीं सुनी।
6 हजार के लिए 2 हजार रूपये मांग रहे थे घुस
लोगों ने आरोप लगाया था कि बाढ़ राहत अनुदान राशि 6 हजार रूपये देने के लिए 2 हजार रूपये सरकारी बाबूओं द्वारा वसूल की जा रही है। जो लोग नहीं दे रहे है, उनको बाढ़ राहत राशि का भुगतान नही किया जा रहा है। इसी गुस्से में आक्रोशित लोगों ने मौके पर पहुंचे सीओ पर हाथ उठा दिया। करीब 2 घंटे तक प्रखंड मुख्यालय पर हंगामा और नारेबाजी होती रही।
कागज पर चल गये कम्यूनिटी किचेन
जिले के नौ प्रखंडों की करीब 4 लाख आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई थी। 26 किचेन चलाये गये। इनमें कई प्रखंडों में कागजी फाइलों में ही किचेन चला दिया गया। अधिकारिक जांच में इस बात का खुलासा हो चूका है। वहीं मढ़ौरा, तरैया, पानापुर, अमनौर में एक ही परिवार के छह-छह लोगों को बाढ़ राहत राशि देने का मामला सामने आया था। जिसके बाद जिलाधिकारी के आदेश पर अधिकारियों की टीम ने जांच की थी। बाढ़ राहत में गड़बड़ी का खुलासा भी हुआ था। यहां बता दें कि बाढ़ के दौरान करीब 70 करोड़ रूपये खर्च किये गये थे। इसमें कई स्तरों पर गड़बड़झाला हुआ। सारण के तरैया, पानापुर, मढ़ौरा, मशरक में दुबारा बाढ़ आ गई, उसमें कोई राहत जमीनी हकीकत पर नहीं थी। बावजूद लाखों रूपये खर्च दिखाये गये। धरना-प्रदर्शन अमनौर, मशरक, पानापुर, मढ़ौरा आदि प्रखंडों में हुआ था।
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