प्रो. रामकिशोर सिन्हा को दी गई भावभीनी श्रद्धांजलि
संजय कुमार पाण्डेय की रिर्पोट। राष्ट्रनायक प्रतिनिधि।
छपरा (सारण)। नंद लाल सिंह महाविद्यालय, जैतपुर-दाउदपुर के संस्थापक शिक्षक रहे प्रो. रामकिशोर सिन्हा ने दिल्ली स्थित एक निजी अस्पताल में 24 नवम्बर, 2020 को अंतिम साँस लिया। दुःखद सूचना मिलते ही महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. के. पी. श्रीवास्तव ने एक शोक सभा आहूत की। प्राचार्य ने महाविद्यालय के सेवानिवृत्त वरिष्ठ प्रोफेसर को सादर नमन करते हुए उन्हें एक कर्तव्यनिष्ठ व सहृदय व्यक्तित्व के रूप में याद किया। उन्हें इस महाविद्यालय से बेहद लगाव था। जब भी महाविद्यालय में किसी कार्यक्रम का आयोजन किया गया, वे एक सूचना पर तत्परता व आत्मीयता के साथ उपस्थित दर्ज कराते थे। 2003 में सेवानिवृत्त होने के बाद भी निरन्तर महाविद्यालय में आकर अपना बहुमूल्य सुझाव देकर हौसलाअफजाई करते रहे। महाविद्यालय के वरिष्ठ शिक्षक डॉ कमल ने प्रो. रामकिशोर सिन्हा के व्यक्तित्व व कृतित्त्व पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि रामकिशोर बाबू विद्यार्थियों के प्रति बहुत स्नेह रखते थे। सेवानिवृत्ति के पश्चात भी विद्यार्थियों को देखते ही रूककर उनसे वार्तालाप करते थे और जीवन को सार्थक बनाने की सलाह देते थे। उनका मानना था कि प्रोफेसर को आजीवन अकादमिक गतिविधियों से जुड़ा रहना चाहिए। विदित हो कि वे एक गम्भीर बीमारी से ग्रसित होने के साथ ही कोरोना की चपेट में आ गए थे जिसका इलाज दिल्ली में चल रहा था। महाविद्यालय के प्रशासनिक भवन के समक्ष डॉ. आफताब आलम, डॉ श्रीभगवान ठाकुर, राकेश कुमार, स्वर्गदीप शर्मा, डॉ टी. गंगोपाध्याय, डॉ आशीष कुमार, श्री जी. डी. राठौर, डॉ दिनेश पाल, वसीम रजा, मुस्तईज़ आलम, डॉ आशीष प्रताप सिंह, डॉ रूबी चन्द्रा, मृत्युंजय सिंह, आलोक सिंह, आज़ाद भगत सिंह, संजय सिंह, राजीव सिंह, चारु एवं राजकुमार आदि ने उपस्थित होकर दो मिनट का मौन रखा।


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