जीपीडीपी तैयार करने में जनप्रतिनिधि नहीं ले रहे है रूची, एक दिसम्बर से सभी प्रखंडों के पंचायतों में होगा ग्राम सभा
कशिश भारती की रिपोर्ट
छपरा (सारण)। जिले में सबकी योजना सबकी विकास यानी जीपीडीपी के अंतर्गत योजनाओं के चयन को लेकर पंचायत राज विभाग के पदाधिकारी एवं कर्मी कार्य में जुट गये है। लेकिन इस महत्वपूर्ण योजना के अंतर्गत योजनाओं के चयन को लेकर पंचायतों के निर्वाचित जनप्रतिनिधि रूची नहीं दिखा रहे है। जिससे जीपीडीपी के कार्य पर प्रभाव पड़ सकता है। जानकारी के अनुसार जिले में जीपीडीपी के तहत टायड एवं अनटायड और महिला एवं बच्चों के विकास से संबंधित योजनाओं का चयन किया जाना है। इन योजनाओं को केन्द्र सरकार द्वारा शुरू किये जा रहे 15 वें वित्त आयोग अंतर्गत क्रियान्वित किया है। इसको लेकर पूर्व में सभी प्रखंड एवं पंचायतों में टायड एवं अनटायत के नाम से बैंक खाता खुल चुका है। अब इससे संबंधित योजनाओं को चयन करने को लेकर विगत 27 नवंबर 2020 सभी प्रखंडों में मुखिया, उपमुखिया, वार्ड सदस्य एवं पंचायत सचिव का ऑनलाइन प्रशिक्षण आयोजित किया गया था। लेकिन आश्चर्य की बात है कि इस प्रशिक्षण में जनप्रतिनिधियों ने 10 फीसद भी रूची नहीं दिखायी। जिससे ये साफ तौर पर दिखता है कि जन प्रतिनिधि योजना कम चुनाव मुड में ज्यादा प्रतीत हो रहे है। हालांकि प्रखंडों के अधिकारी प्रशिक्षण का कागजी कोरम पूरा करने के लिए अपने तरीके से कार्य कर उपस्थित दर्ज किया है। बहरहाल, यह देखना दिलचस्प होगा कि जीपीडीपी तैयार करने के लिए जनप्रतिनिधियों से ज्यादा पंचायत राज विभाग के पदाधिकारी एवं कर्मी ज्यादा एक्टिव दिखेंगे या फिर कागजी घोड़ा तैयार किया जाएगा।
एक दिसम्बर से सभी पंचायतों रोस्टरवार होगा ग्राम सभा
सबकी योजना सबकी विकास के तहत टायड एवं अनटायड योजनाओं के चयन को लेकर जिले के प्रत्येक पंचायतों में ग्राम सभा किया जाना है। इसको लेकर सभी प्रखंडों के पदाधिकारी एक दिसम्बर से रोस्टर बनाकर ग्राम सभा के लिए कर्मियों एवं पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति कर दी है। साथ ही इन ग्राम सभा का फोटो लेकर पंचायत स्तरीय कार्यपालक सहायको द्वारा जीपीडीपी पोर्टल पर अपलोड किया जाएेगा।
टायड एवं अनटायड में चयनित योजनाओ को ई-ग्रामस्वराज पोर्टल पर होगा अपलोड
जिले के सभी पंचायतों में आयोजित होने वाले ग्राम सभा में चयनित टायड एवं अनटायड योजनाओं की प्रविष्टी ई-ग्रामस्वाराज पोर्टल पर किया जाना है। ताकि केन्द्र सरकार द्वारा गांवों के जरूरतों के अनुसार बजट तैयार करें तथा योजनाओं को चयनित कर धरातल पर क्रियान्वित किया जा सके। जिससे कि गांव का समुचित विकास हो सके।
क्या है टायड और अनटायड
टायड के अंतर्गत ड्रिंकिंग वाटर एवं सेनिटेशन से संबंधित कार्यो की प्राथमिकता दी जाएगी। ई-ग्रामस्वराज में अंकित बजट के आलोक में ड्रिंकिंग वाटर में 50 फीसद एवं सेनिटेशन में 50 फीसद राशि खर्च के अनुसार योजनाओं को चयनित करते हुए ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर प्रविष्टी की जाएगी। जानकारी के अनुसार सेनिटेशन में शौचालय, सोखता, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन समेत स्वच्छता से संबंधित योजनाओं को तैयार किया जाएगा। वहीं ड्रिंकिंग वाटर के अंतर्गत कंुआ निर्माण एवं जल स्रोत विकसित करने से संबंधित योजनाओं का चयन किया जाएगा। अगर जहां पर ड्रिंकिंग वाटर में योजना तैयार नहीं किया जाएगा वहां के संबंधित कर्मी एवं पदाधिकारी को घोषणा पत्र देना होगा। इसके बाद अनटायड के अंतर्गत ई-ग्रामस्वराज में अंकित बजट राशि के आलोक में सड़क निर्माण, सोलर लाईट, चबुृतरा निर्माण, खेल मैदान सहित अन्य योजनाओं को चयनित किया जाएगा।
मिशन अन्त्योदय का होगा सर्वेक्षण
जिले के 323 पंचायतों के राजस्व गांव में मिशन अन्त्योदय अंतर्गत सर्वेक्षण किया जाएगा। इसको लेकर जीविका दीदीयों से भी कार्य लिया जाएगा। जीविका के कर्मियों द्वारा मिशन अन्त्योदय का सर्वेक्षण कर पंचायत स्तरीय कार्यपालक सहायक द्वारा ऑनलाइन मिशन अन्त्योदय के मोबाइल एप से अपलोड किया जाएगा। मिशन अन्योदय अंतर्गत राजस्व गांव की जनसंख्या और उसमें अनुसूचित जाति-जनजाति समुदाय की संख्या, महिलाओं की सख्या, गर्भवती महिलाओं की संख्या, दुधमुहे बच्चों की संख्या, पांच साल से कम आयु के बच्चों की संख्या, झोपड़ीनुमा घरों की संख्या, पक्के मकानों की संख्या, दुकान, हाट, बाजार, यातायात सुविधा, डाकघर, बैंक, एटीएम, मिट्टी जांच घर, बीज वितरण केन्द्र, उर्वरक दुकान सहित अन्य करीब 96 बिन्दुओं पर सर्वेक्षण किया जाएगा। मिशन अन्त्योदय सर्वेक्षण को मोबाइल एप से अपलोड करने के बाद ही ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर ग्राम सभा में चयनित योजनाओं की प्रविष्टी की जाएगी। बहरहाल, अब देखना दिलचस्प होगा कि मिशन अन्त्योदय का सर्वेक्षण धरातल पर होगा या केवल कागजी घोड़ा ही तैयार कर मिशन अन्त्योदय के मोबाइल एप पर अपलोड किया जाएगा।


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