राष्ट्रनायक न्यूज

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“न्यूट्रीउत्सव 2020” पर दो दिवसीय वेबिनार का हुआ शुभारंभ

न्यूट्रीउत्सव 2020” पर दो दिवसीय वेबिनार का हुआ शुभारंभ

  • जेपी विवि के कुलपति ने किया शुभारंभ
  • अपने आस पास पहचाने पोषण के स्रोत: कुलपति
  • मातृ पोषण है आने वाले पीढ़ी के सेहत की कुंजी
  • नियमित खानपान में प्रोटीन का समावेश जरुरी

राष्ट्रनायक प्रतिनिधि।

छपरा (सारण)। कोविड-19 वैश्विक महामारी ने पोषण की महत्ता को सबके सामने उजागर किया है. समुचित पोषण स्वस्थ जीवन की कुंजी है, इस बात को सभी जानते हुए भी अपने दैनिक खानपान में पोषक तत्वों को नियमित रूप से शामिल करने की जरुरत नहीं समझते. यह बात वैज्ञानिक शोधों और चिकित्सकों द्वारा साबित की जा चुकी है कि समुचित पोषण हमें कोविड-19 के अलावा भी कई रोगों से सुरक्षा प्रदान करता है. पोषण के महत्त्व को समुदाय के सामने उजागर करने के उद्देश्य से इंडियन डाइटएटिक एसोसिएशन, बिहार चैप्टर और अलाइव एंड थराइव के तत्वावधान में दो दिवसीय वेबिनार “न्यूट्रीउत्सव 2020” का शुभारम्भ किया गया. इस वेबिनार की थीम अथवा विषय “समुचित पोषण द्वारा स्वस्थ जीवन- कोविड-19 के समय की चुनौतियाँ और अवसर” रखा गया है।

अपने आस पास पहचाने पोषण के स्रोत:

वेबिनार का उद्घाटन करते हुए जयप्रकाश यूनिवर्सिटी के वीसी डॉ. फारूक अली ने बताया समुदाय भोजन भ्रान्ति से ग्रसित है. लोगों को यह समझने की जरुरत है कि भोजन में पोषक तत्वों का समावेश करने हेतु साधन हमारे आसपास उपलब्ध है और इसके लिए हमेशा महंगे फल अथवा ड्राई फ्रूट खाने की जरुरत नहीं है. पोषक तत्वों से उपयुक्त खाद्य पदार्थों का चयन करते समय उपलब्धता, कीमत और उसके पाचन प्रक्रिया को समझना जरुरी है. कोरोना वैश्विक महामारी ने हमें पोषण के महत्व से अवगत कराया है और प्रोटीन का समावेश अपने दैनिक आहार में कर हम जरुरी पोषण प्राप्त कर सकते हैं।

मातृपोषण है आने वाले पीढ़ी की सेहत की कुंजी:

वेबिनार को संबोधित करते हुए अलाइव एंड थराइव की राष्ट्रीय निदेशक डॉ. सेबंती घोष ने बताया समुचित मातृ पोषण, आने वाले पीढ़ी की सेहत की कुंजी है और इस बात को समुदाय तक पहुंचाना पोषण के क्षेत्र से जुड़े लोगों की सामूहिक जिम्मेदारी है.किशोरी पोषण एवं महिला का गर्भधारण से पहले से पोषण पर ध्यान देना आने वाली पीढ़ियों को पोषित एवं स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका रखता है. जीवन के प्रथम हजार दिन का सही उपयोग एवं प्रबंधन एक सुपोषित जीवन और स्वस्थ समाज की नींव रखने में अहम् भूमिका निभाते हैं. डॉ. घोष ने बताया बिहार में 60 फीसदी गर्भवती महिलाएं एनीमिया से ग्रसित है जो चिंताजनक स्थिति को उजागर करता है.  मात्र 9 फीसदी महिलाएं अपने गर्भकाल में 180 आयरन की गोली का सेवन करती हैं जिससे उनमे एनीमिया की शिकायत सामान्यतः देखी जाती है. कोरोना महामारी के समय समुचित मातृपोषण का महत्त्व और बढ़ जाता है।

नियमित खानपान में प्रोटीन का समावेश जरुरी:

नियमित खानपान में प्रोटीन की महत्ता को उजागर करते हुए इंडियन डाइटएटिक एसोसिएशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. जगमीत मदान ने बताया रोज का भोजन हमारे लिए प्रोटीन और पोषण का स्रोत होता है. हमें अपने भोजन की थाली को देखकर यह सवाल करना चाहिए कि मेरी थाली में प्रोटीन कहाँ है, और अगर नहीं है तो उसे तुरंत अपने दैनिक खानपान में समाहित करने की जरुरत है. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में प्रोटीन की भूमिका अहम् होती है और विटामिन सी, डी और जिंक को अपने हर आहार में शामिल करने की जरुरत है।

2030 तक होगा भूख का अंत

वेबिनार को संबोधित करते हुए यूनिसेफ के न्यूट्रीशन एक्सपर्ट रवि पाढ़ी ने कहा सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल के तहत 2030 तक भूख का अंत का लक्ष्य रखा गया है. तात्पर्य यह है कि समुदाय में हाशिये पर रह रहे लोगों के बीच भोजन और पोषण दोनों पहुंचाने की जरुरत है और यह सामूहिक प्रयास से ही संभव है। वेबिनार में अलाइव एंड थराइव की वरीय कार्यक्रम प्रबंधक डॉ. अनुपम श्रीवास्तव, इंदिरा गाँधी अस्पताल से पल्लवी, डॉ. मनोज कुमार, सेक्रेटरी इंडियन डाइटएटिक एसोसिएशन के साथ अन्य एक्सपर्ट मौजूद थे.

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