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14 जनवरी को ही मनाई जाएगी मकर संक्रांति

14 जनवरी को ही मनाई जाएगी मकर संक्रांति

तरैया/सारण। इस वर्ष मकर संक्रांति बेहद खास संयोग में में आ रहा है। इस पर अच्छी बात यह है कि इस साल मकर संक्रांति की तिथि को लेकर किसी तरह का कोई कन्फ्यूजन भी नहीं है। इस वर्ष मकर संक्रांति 14 जनवरी को ही पूरे देश में मनाई जाएगी। उक्त बातें आचार्य सुकेश त्रिवेदी ने कही। उन्होंने कहा कि मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाए जाने की वजह यह है कि इस साल ग्रहों के राजा सूर्य का मकर राशि में आगमन गुरुवार 14 जनवरी को सुबह 8:14 पर हो रहा है। गुरुवार को संक्रांति होने की वजह से यह नंदा और नक्षत्र अनुसार महोदर संक्रांति मानी जाएगी जो ब्राह्मणों, शिक्षकों, लेखकों व छात्रों के लिए लाभप्रद और शुभ रहेगी। शास्त्रों का मत है कि संक्रांति के 6 घंटे 24 मिनट पहले से पुण्य काल का आरंभ हो जाता है। इसलिए इस बार ब्रह्म मुहूर्त से संक्रांति का स्नान दान पुण्य किया जा सकेगा। इस दिन दोपहर 2:38 बजे तक का समय संक्रांति से संबंधित धार्मिक कार्यों के लिए उत्तम रहेगा। वैसे पूरे दिन भी स्नान दान किया जा सकता है। मकर संक्रांति पर तिथियों को लेकर बीते कुछ वर्षों में उलझन सी स्थिति बनी हुई रहती थी। क्योंकि इस बार सूर्य का प्रवेश 14 जनवरी को शाम और रात में होता है। ऐसे में शास्त्रों के अनुसार संक्रांति अगले दिन माना जाता है। आपको बता दें मकर संक्रांति का समय युगो से बदलता रहा है।  ज्योतिषीय गणना और घटनाओं को जोड़ने से मालूम होता है कि महाभारत काल में मकर संक्रांति दिसंबर माह में मनाई जाती थी। ऐसा उल्लेख मिलता है कि छठी शताब्दी में सम्राट हर्षवर्धन के समय में 24 दिसंबर को मकर संक्रांति मनाई गई थी। अकबर के समय में 10 जनवरी और शिवाजी महाराज के काल में 11 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई गई थी। मकर संक्रांति की तिथि का यह रहस्य इसलिए है क्योंकि सूर्य की गति एक साल में 20 सेकंड बढ़ जाती है। इस हिसाब से 5000 साल के बाद संभव है कि मकर संक्रांति जनवरी में नहीं बल्कि फरवरी में मनाई जाएगी। वैसे इस साल अच्छी बात ये है कि मकर संक्रांति पर सूर्य का आगमन 14 तारीख को सुबह में ही हो रहा है। इसलिए मकर संक्रांति गुरुवार 14 जनवरी को मनाई जाएगी। मकर संक्रांति को सूर्य धनु राशि में आने से खरमास समाप्त हो जाएगा। लेकिन इस बार खरमास समाप्त होने पर भी विवाह और दूसरे शुभ कार्य का आयोजन नहीं किया जा सकेगा। इसकी वजह यह है कि मकर संक्रांति के तीन दिन बाद ही गुरु अस्त हो जा रहे हैं। गुरु तारा अस्त होने से शुभ कार्यों पर 14 फरवरी तक विराम लगा रहेगा।