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धान खरीदारी: 60 हजार एमटी लक्ष्य, 225 पैक्सों ने 8 हजार किसानों से 29,548 एमटी खरीदे धान, एसएफसी गोदामों में अबतक 12048 एमटी मिले चावल

धान खरीदारी: 60 हजार एमटी लक्ष्य, 225 पैक्सों ने 8 हजार किसानों से 29,548 एमटी खरीदे धान, एसएफसी गोदामों में अबतक 12048 एमटी मिले चावल

 

कशिश भारती।छपरा

छपरा(सारण)। नोवल कोरोना वायरस यानी कोविड-19 के संक्रमण से बचाने को लेकर सारण को लॉक डाउन कर दिया गया है। जिसका असर सड़क से लेकर सरकारी कार्यालयों में भी देखने को मिल रहा है। लोग अपने घरों से नहीं निकल रहे है। इस सूरत में सहकारिता विभाग द्वारा किसानों से की जाने वाले धान की खरीदारी भी प्रभावित है। इसके पहले जिले में करीब 323 प्राथमिक कृषि साख सहयोग समिति यानि पैक्सों का चुनाव होने के कारण गत 15 दिसंबर 2019 तक धान की खरीदारी बाधित था। इसके बाद ठंड के कारण धान में नमी होने की वजह से अधिप्राप्त बाधित हुआ। तब तक अधिकांश किसान अपने धान की पैदावार को बिचौलियों के माध्यम से बेच चूके थे। जिसे रोकने में जिला प्रशासन विफल रही। जब ठंड खत्म हुई तो पैक्सों ने धान की खरीदारी शुरू की। इसकी जानकारी देते हुए जिला सहकारीता पदाधिकारी नीसार अहमद ने बताया कि जिले के करीब 323 प्राथमिक कृषि साख सहयोग समिति यानि पैक्सों में से धान खरीदारी को लेकर 225 पैक्सों को जिम्मेवारी दी गई है। जिन्होंने आठ हजार निबंधित किसानों से अभी तक करीब 29 हजार 548 मीट्रिक टन धान की खरीदारी की है। जिसे चावल बनाने के लिए राईस मिलों में पैक्सों के माध्यम से भेजा गया है। अभी तक राज्य खाद्य निगम के गोदामों में करीब 12 हजार 48 मीट्रिक टन चावल प्राप्त हुआ है। शेष बचे धान का चावल प्राप्त करने को लेकर अग्रेतर कार्रवाई की जा रही है।

धान की कुटाई के लिए 22 राईस मिलों को पैक्सों से किया गया है टैग

 

पैक्सों द्वारा किसानों से किये गये धान की कुटाले को लेकर राज्य खाद्य निगम में राईस मिलों का रजिस्ट्रेशन किया गया। इसमें जिले के करीब 29 राईस मिलों का रजिस्ट्रेशन किया। इस बावत डीसीओ नीसार अहमद ने बताया कि धान की खरीदारी करने वाले 225 पैक्सों को 22 राईस मिलों से टैग किया गया है। ताकि धान की कुटाई कर चावल बनाकर राज्य खाद्य निगम के गोदामों में सप्लाई किया जा सके। इन राईस मिलों ने अभी तक एसएफसी गोदामों में करीब साढ़े दस हजार मीट्रिक टन सीएमआर जमा किया है।

 

एक क्विंटल धान के बदले 67 किलो चावल की होती है सप्लाई

 

धान अधिप्राप्ति के बाद पैक्स उसे चावल बनाने के लिए विभाग द्वारा टैग किये गये राईस मिलों में भेजते है। इसके बाद राईस मिल धान के बदले करीब 67 किलो चावल देते है। इस चावल को पैक्स एसएफसी गोदामों में सप्लाई करते है। चावल जमा करते समय राईस मिल का बोरा पर टैग एवं मोहर रहता है। ताकि पता चल सके कि किसी मिल से चावल तैयार किया गया है।

 

60 हजार एमटी धान खरीदारी का लक्ष्य, 1815 रूपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य

 

इस बार धान की खरीदारी के लिए सरकारी समर्थन मूल्य करीब 1815 रूपये प्रति क्विंटल निर्धारित की गई है। इस बार समान्य किसानों से करीब 150 क्विंटल तथा बटाईदारों से करीब 50 क्विंटल तक धान की खरीदारी की जा सकती है। जानकारी के अनुसार जिले में वर्ष 2016-17 में 1470, 2017-18 में 1550, 2018-19 में 1750 तथा इसबार 1815 रूपये प्रति क्विंटल निर्धारित है। डीसीओ ने कहा कि 60 हजार मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीदारी करने का प्रयास किया जा रहा है। बहरहाल अब देखना है कि सहकारिता विभाग इस बार कितना धान की खरीदारी कर पाता है।

 

74.35 हेक्टेयर में धान की खेती कर 2.71 टन धान का हुआ उत्पादन

 

पिछले वर्ष जिले में सुखाड़ होने के कारण धान की खेती पर व्यापक प्रभाव पड़ा था। लेकिन इसबार धान का पैदावार दोगुना से अधिक हुआ है। जिला कृषि पदाधिकारी जयराम पाल ने बताया कि जिले में करीब 83 हजार हेक्टेयर में धान की खरीदारी करने का लक्ष्य रखा गया था। जिसके आलोक में करीब 74.35 हजार हेक्टेयर में खेती किया गया था। जिसमें करीब 2.71 लाख टन धान का उत्पादन हुआ है। जो पिछले वर्ष की तूलना में अधिक है। जिसका प्रतिवेदन सहकारिता विभाग में भेज दिया गया है।

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