वीडियो कॉफ्रेसिंग से परिवार नियोजन कार्यक्रमों की हुई समीक्षा
- कार्यक्रमों के प्रचार प्रसार को गति देने के लिए सिविल सर्जन का निर्देश
- कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में केयर इंडिया कर रही है तकनीकी मदद
सहरसा। परिवार नियोजन की जरूरत को लेकर जिला में इसके प्रति चिह्नित दंपतियों में जागरूकता लायी जा रही हैे जनसंख्या स्थिरीकरण व बेहतर मातृत्व स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए परिवार नियोजन कार्यक्रमों के जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन के लिए स्वास्थ्य विभाग सजग है े इसलिए वीडियो कॉफ्रेसिंग कर परिवार नियोजन कार्यक्रमों पर चर्चा की गयीे इस दौरान राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे—4 व 5 के आंकड़ों की तुलनात्मक समीक्षा भी की गयीे वीडियो कॉफ्रेसिंग के माध्यम से राज्य स्वास्थ्य समिति के परिवार कल्याण प्रकोष्ठ के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ मोहम्मद सज्जाद ने जिलावार आंकड़ों को प्रस्तुत कर परिवार नियोजन कार्यक्रमों को अधिकाधिक गति देने पर विस्तार से चर्चा कीे इस दौरान जिला समाहरणालय स्थित वीडियो क्रॉफेंसिंग कक्ष में सिविल सर्जन डॉ अवधेश कुमार सहित जिला स्वास्थ्य समिति के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी विनय रंजन, जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी कंचन कुमारी व केयर इंडिया के डीटीएल रोहित रैना एवं अन्य मौजूद रहे।
लाभार्थी तक परिवार नियोजन की सेवाओं की पहुंच बढ़ायी जाये: राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी ने कहा परिवार नियोजन से जुड़ी सेवाओं को लाभार्थी तक अधिकाधिक पहुंचाने की जरूरत हैे लाभार्थी की मांग के अनुसार इन सुविधाओं को उन तक पहुंचाना सुनिश्चित किया जाये उन्होंने कहा अनमेट नीड की घटना इस बात को दशार्ता है कि परिवार नियोजन के विभिन्न साधनों की पहुंच को चिह्नित दंपति तक बढ़ाया गया हैे इस दिशा में लगातार कार्य किये जाने की जरूरत है।
संतान में अंतराल रखने पर लायी जाये जागरूकता: सिविल सर्जन डॉ अवधेश कुमार ने बताया पूर्व की तरह इस वर्ष भी जिला द्वारा परिवार नियोजन कार्यक्रमों का बेहतर परिणाम राज्य को दिया जायेगो माइक्रो प्लानिंग कर आशा के माध्यम से ऐसे दंपतियों की सूची तैयार की जा रही है जिन्हें एक बच्चे हैें ऐसे दंपतियों को दूसरी संतान दो से तीन साल का अंतराल रखने के लिए जागरूक किया जा रहा हैे परिवार की आर्थिक, सामाजिक संरचना में सकारात्मक बदलाव लाने में परिवार नियोजन (फैमिली प्लानिंग) के योगदान पर जानकारी दी जा रही हैे स्वास्थ्य केंद्रों पर लगाये गये कंडोम बॉक्स में कंडोम रखने के लिए भी कहा गया है, ताकि इसकी उपलब्धता आसान हो सके परिवार नियोजन (फैमिली प्लानिंग) कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में केयर इंडिया का तकनीकी सहयोग मिल रहा है।
परिवार नियोजन कार्यक्रमों के प्रचार- प्रसार का निर्देश: डीपीएम विनय रंजन ने बताया जिला के सभी प्रखंडों के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि परिवार नियोजन के तहत जनवरी से मार्च 2021 तक संचार अभियान चला कर लोगों को परिवार नियोजन की जरूरत और उसके महत्व के बारे में बताया जाये परिवार नियोजन सुरक्षित है की थीम के साथ सही समय में शादी, शादी के दो साल के बाद गर्भधारण, दो बच्चों के जन्म में दो से तीन साल का अंतराल आदि की जानकारी आशाओं को देनी हैे यह सुरक्षित मातृत्व के लिए भी महत्वपूर्ण है।
वर्तमान में जिला में परिवार नियोजन की स्थिति: परिवार नियोजन कार्यक्रमों के क्रियान्वयन के बाद तस्वीर पूर्व की तुलना में बदली हैे एनएफएचएस—5 के मुताबिक परिवार नियोजन के आधुनिक साधनों का इस्तेमाल बढ़ा हैे महिलाओं में बंध्याकरण का प्रतिशत 28.4 प्रतिशत से बढ़कर 37.6 हो गया हैे कंडोम का इस्तेमाल पूर्व में 0.4 था जो बढ़ कर 0.9 हो गया हैे सर्वे के मुताबिक 15-24 वर्ष तक के आयु के बीच के महिलाओं में मासिक चक्र के दौरान स्वास्थ्यकर विधि को अपनाने की आदत में इजाफा हुआ है, जो 21.2 से बढ़कर 43.5 हो गया है। राज्य स्वास्थ्य समिति के साथ विडियो कांफ्रेंस के माध्यम से आयोजित समीक्षा बैठक में जिले के सिविल सर्जन डॉ.अवधेश कुमार सहित डीपीएम विनय रंजन, जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी कंचन कुमारी,केयर इंडिया के डीटीएल रोहित रैना ने भाग लिया।


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